धर्म परिवर्तन कर शादी करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश, बालिगों को साथ रहने का हक

हाई कोर्ट ने कहा कि यदि दो बालिग अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं अथवा नहीं भी की है तब भी उन्हें साथ रहने का अधिकार है। भले ही उनके पास विवाह का प्रमाण नहीं है। पुलिस अधिकारी को प्रमाण के लिए ऐसे युगल को बाध्य नहीं करना चाहिए।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 10:26 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 01:27 AM (IST)
धर्म परिवर्तन कर शादी करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश, बालिगों को साथ रहने का हक
धर्म परिवर्तन कर शादी करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट महत्वपूर्ण आदेश दिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाले बालिगों को सुरक्षा प्रदान करने में मतांतरण महत्वपूर्ण तथ्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यदि मतांतरण जबरन कराने का आरोप नहीं है तो ऐसे युगल को सुरक्षा मुहैया कराना पुलिस व प्रशासन की बाध्यता है। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि दो बालिग अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं अथवा नहीं भी की है, तब भी उन्हें साथ रहने का अधिकार है। भले ही उनके पास विवाह का प्रमाण नहीं है। पुलिस अधिकारी को प्रमाण के लिए ऐसे युगल को बाध्य नहीं करना चाहिए।

यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार 20 वर्षीय याची ने धर्म परिवर्तन के बाद 40 वर्षीय व्यक्ति से 11 फरवरी, 2021 को शादी की। उसने परिवारीजन पर परेशान करने और धमकाने का आरोप लगाया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में कानूनी स्थिति स्पष्ट है। दो बालिग स्त्री-पुरुष अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं चाहे वे किसी भी जाति अथवा मत (धर्म) को मानने वाले हों।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने लता सिंह केस में निर्देश दिया है कि अपनी मर्जी से अंतर धार्मिक या अंतर जातीय विवाह करने वाले बालिगों को किसी भी तरह परेशान नहीं किया जाए, न ही धमकाया जाए। उनके साथ कोई हिंसक कृत्य न किया जाए। ऐसा करने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करना पुलिस, प्रशासन की जिम्मेदारी है।

अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन बाध्यकारी है। याची के जीवन और स्वतंत्रता को वास्तव में खतरा है तो वह संबंधित जिले के वरिष्ठ पुलिस पुलिस अधीक्षक से शिकायत करें और पुलिस उन्हें सुरक्षा दे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याची को सुरक्षा देने में यह बात कोई मायने नहीं रखती है कि उसने धर्म परिवर्तन किया है। यदि उनके पास शादी का प्रमाण नहीं है अथवा उन्होंने शादी नहीं भी की है तब भी वे एक साथ रह सकते हैं।

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