Allahabad High Court: कुर्ले पान मसाला कंपनी गाजियाबाद के डायरेक्टर को मिली राहत

Allahabad High Court याची के खिलाफ 118 करोड 98 लाख 82 हजार 742 रुपये की टैक्स चोरी के आरोप में विभागीय कार्यवाही आपराधिक केस चल रहा है। याची के अधिवक्ता ने कहा वह लगातार टैक्स जमा कर रहा। सफाई का पूरा मौका दिए आपराधिक केस दर्ज कराना विधि विरुद्ध है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:49 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:49 AM (IST)
Allahabad High Court: कुर्ले पान मसाला कंपनी गाजियाबाद के डायरेक्टर को मिली राहत
पान मसाला कंपनी गाजियाबाद के डायरेक्टर को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिली है।

प्रयागराज, जेएनएन। कुर्ले पान मसाला कंपनी गाजियाबाद के डायरेक्टर कृष्ण मणि शुक्ल के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट से फिलहाल राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ चल रही आपराधिक केस की सुनवाई प्रक्रिया पर रोक लगा दी है और केंद्रीय उत्पाद व सेवा शुल्क विभाग गाजियाबाद व राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 21 नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने कृष्ण मणि शुक्ल की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव व विभाग के अधिवक्ता आरसी शुक्ल ने बहस की।

याची के खिलाफ 118 करोड 98 लाख 82 हजार 742 रुपये की टैक्स चोरी के आरोप में विभागीय कार्यवाही व आपराधिक केस चल रहा है। याची के अधिवक्ता का कहना रहा कि वह लगातार टैक्स जमा कर रहा है। सफाई का पूरा मौका दिए आपराधिक केस दर्ज कराया गया है, जो विधि विरुद्ध है।

विभाग के अधिवक्ता का कहना था कि एसीजेएम मेरठ की अदालत ने आपराधिक केस में याची को नौ बार सम्मन जारी किया, हाजिर न होने पर नौ बार जमानती वारंट जारी किया। फिर भी हाजिर नहीं हुए तो पांच बार गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। याची कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा है और हाईकोर्ट की शरण ली है। 

मालूम हो कि सेंट्रल एक्साइज विभाग की टीम ने 20 जुलाई 2007 को 30 कंपनियों पर छापे की कार्रवाई की थी। याची को टैक्स चोरी के आरोप पर टैक्स वसूली व पेनाल्टी पर सफाई देने के लिए 17 जनवरी 2011 को नोटिस जारी की गई। आपराधिक केस दायर करने के लिए अभियोजन चलाने की संस्तुति भी ली गई है। सहायक कमिश्नर को आपराधिक केस दायर करने के लिए अधिकृत किया गया, जिस पर इस्तगासा दायर किया गया है।   

कोर्ट ने कहा कि टैक्स व पेनाल्टी वसूली की विभागीय कार्यवाही में अभी 14 गवाहों की प्रति परीक्षा होनी बाकी है। अभी कार्यवाही पूरी नहीं हुई है। इसी कार्यवाही के आधार पर आपराधिक केस दर्ज कराना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। प्रकरण विचारणीय है।

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