इलाहाबाद ​हाई कोर्ट: MBBS इंटर्नशिप का प्रमाण पत्र नहीं देने पर कार्रवाई का दिया निर्देश

याची ने 31 जनवरी 2017 को एमबीबीएस की उपाधि ली जिसका उसे प्रमाणपत्र जारी किया गया। इसके बाद उसने इंटर्नशिप की। प्राचार्य और डीन ने इंटर्नशिप तथा स्थायी पंजीकरण प्रमाणपत्र देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह 137 दिन गैरहाजिर रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:05 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:05 AM (IST)
इलाहाबाद ​हाई कोर्ट: MBBS इंटर्नशिप का प्रमाण पत्र नहीं देने पर कार्रवाई का दिया निर्देश
कोर्ट ने कहा कि लगता है कि याची के पिता से प्राचार्य को शिकायत है, रजिस्ट्रार स्वयं मामले को देखें

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिषद लखनऊ के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वह स्वयं देखें कि इंटर्नशिप पूरी करने का बाद भी सुभारती मेडिकल कालेज मेरठ के प्राचार्य व संकायाध्यक्ष याची को प्रमाणपत्र क्यों जारी नहीं कर रहे हैैं। कोर्ट ने स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति को भी जरूरी कार्रवाई के लिए कहा है। सुभारती मेडिकल कालेज को नोटिस जारी कर राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डा. केजे ठाकर व न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने अभिषेक भारद्वाज की याचिका पर दिया है।

पांच लाख रुपये जमा कर दे तो प्रमाणपत्र जारी हो जाएगा

याची ने 31 जनवरी, 2017 को एमबीबीएस की उपाधि ली, जिसका उसे प्रमाणपत्र जारी किया गया। इसके बाद उसने इंटर्नशिप की। प्राचार्य और डीन ने इंटर्नशिप तथा स्थायी पंजीकरण प्रमाणपत्र देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह 137 दिन गैरहाजिर रहा है। यदि पांच लाख रुपये जमा कर दे तो प्रमाणपत्र जारी हो जाएगा। याची के पिता ने पैसा देने से इन्कार करते हुए कालेज प्रबंधन से 137 दिन इंटर्नशिप पूरी कराने के लिए कहा। याची ने उसे पूरा भी कर लिया। इसके बावजूद उसे प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है। इस पर यह याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने कहा कि लगता है कि याची के पिता से प्राचार्य को शिकायत है, इसलिए रजिस्ट्रार स्वयं इस मामले को देखें और कार्रवाई चार हफ्ते में पूरी करें।

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