इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फूलपुर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार की सुरक्षा का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज को फूलपुर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को सुरक्षा व संरक्षण देने तथा निष्पक्ष विवेचना की निगरानी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हर आपराधिक घटना खासतौर पर महिलाओं व बच्चों के खिलाफ आपराधिक घटनाओं की तत्काल प्राथमिकी दर्ज करायी जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज को फूलपुर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को सुरक्षा व संरक्षण देने तथा निष्पक्ष विवेचना की निगरानी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हर आपराधिक घटना खासतौर पर महिलाओं व बच्चों के खिलाफ आपराधिक घटनाओं की तत्काल प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। पीड़िता की तीन माह तक एफआइआर दर्ज न करने व ठीक से विवेचना न करने वाले लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्त व न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्र, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व स्थायी अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाहा ने पक्ष रखा। कोर्ट ने तीन माह बाद दुष्कर्म जैसी घटना की एफआइआर दर्ज करने पर एसएसपी प्रयागराज व एसएचओ फूलपुर को तलब किया था। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने हलफनामा दाखिल किया। मां द्वारा बेटी को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए दाखिल अर्जी पर पीड़िता पेश हुई। उसने पुलिस द्वारा बंधक बनाकर रखने की बात को नकार दिया।
इस पर कोर्ट ने अनपढ़ मां को चेतावनी देकर कोई कार्रवाई नहीं की। एसएसपी ने बताया कि दारोगा प्रमोद कुमार ने संपत्ति के विवाद की रिपोर्ट दी है। दुष्कर्म मामले पर जांच नहीं की तो एसएचओ बृजेश कुमार व दारोगा प्रमोद कुमार को निलंबित करके पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। एएसपी सोरांव मामले की जांच करेंगे। एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गयी है। लापरवाही बरतने का दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी।