हाई कोर्ट का DM मऊ को निर्देश- बेटे की मौत का सऊदी से भेजा गया मुआवजा तत्काल माता-पिता दें

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मऊ निवासी मोहम्मद फैज की सऊदी अरब में सड़क हादसे में हुई मौत पर मुआवजे बतौर भेजे गए 60.60 लाख रुपये का तत्काल भुगतान उनके माता पिता को करने का निर्देश जिलाधिकारी मऊ को दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:12 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:13 PM (IST)
हाई कोर्ट का DM मऊ को निर्देश- बेटे की मौत का सऊदी से भेजा गया मुआवजा तत्काल माता-पिता दें
हाईकोर्ट ने डीएम मऊ को निर्देश दिया दिया कि बेटे की मौत का सऊदी से भेजा गया मुआवजा दिया जाए।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मऊ निवासी मोहम्मद फैज की सऊदी अरब में सड़क हादसे में हुई मौत पर मुआवजे बतौर भेजे गए 60.60 लाख रुपये का तत्काल भुगतान उनके माता पिता को करने का निर्देश जिलाधिकारी मऊ को दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति आरएन तिलहरी की खंडपीठ ने हाफिज नौशाद अहमद व अन्य की याचिका पर दिया है।

मऊ के जिलाधिकारी कार्यालय बतौर मुआवजा सऊदी अरब से भेजी गई धनराशि का भुगतान उत्तराधिकार प्रमाणपत्र के अभाव में नहीं कर रहा है। हाई कोर्ट ने याची से कहा है कि वह नौ अगस्त, 2020 से अब तक के ब्याज के लिए डीएम को अर्जी दें और जिलाधिकारी ब्याज की गणना कर भुगतान करें।

सऊदी अरब के बादशाह ने रियाद दूतावास के जरिये जिलाधिकारी को 60 लाख 60 हजार 606 रुपये हाफिज नौशाद अहमद व शाहिदा बानो को देने के लिए बतौर मुआवजा भिजवाए हैं। इससे पहले याची के बेटे की बकाया तनख्वाह दूतावास के जरिए आई थी। वारिस माता-पिता को जिलाधिकारी ने इसका भुगतान कर दिया था।

मुआवजा मामले में डीएम ने 14 अक्टूबर, 2020 को याची के उत्तराधिकार की रिपोर्ट रियाद दूतावास को भेजी थी। कोर्ट ने कहा ऋण और प्रतिभूति के मामले में ही उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। मुआवजा भुगतान पर यह लागू नहीं होता, इसलिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है।

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