चचेरी बहन से दुष्कर्म के आरोपित को जमानत देने से Allahabad High Court का इन्कार

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म का आरोपित शखस औऱ पीडि़ता भाई-बहन हैं। ऐसा अपराध सामाजिक फेब्रिक (ताना-बाना) ध्वस्त करने वाला है। पीडि़ता ने बच्चे को जन्म दिया है जिसका डीएनए आरोपित अपीलार्थी से मिल रहा है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:21 PM (IST)
चचेरी बहन से दुष्कर्म के आरोपित को जमानत देने से Allahabad High Court का इन्कार
अपराध सामाजिक फेब्रिक को ध्वस्त करने वाला, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चचेरी बहन (कजिन) के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में सजा याफ्ता पीलीभीत के देवेश को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म का आरोपित व पीडि़ता भाई-बहन हैं। ऐसा अपराध सामाजिक फेब्रिक (ताना-बाना) ध्वस्त करने वाला है। पीडि़ता ने बच्चे को जन्म दिया है, जिसका डीएनए आरोपित अपीलार्थी से मिल रहा है। अभियोजन पक्ष को पीडि़ता ने समर्थन किया है। हाई कोर्ट ने कहा मेरी राय में आरोपित जमानत पाने का हकदार नहीं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति एके ओझा ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है।

आरोपित ने आरोप को दिया झूठा करार मगर नहीं मिली जमानत

आरोपित शख्स का कहना था कि उसने दुष्कर्म नहीं किया है। अदालत ने सबूतों का सही परिशीलन नहीं किया है। चश्मदीद गवाहों के बयान कानून की नजर में स्वीकार करने योग्य नहीं है। पीडि़ता घटना के समय बालिग थी। दोनों एक ही परिवार के हैं, इसलिए दोनों का डीएनए समान है। ऐसी स्थिति में डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषी मानना सही नहीं है। वहीं, सरकारी वकील का कहना था कि अपराध गंभीर है। ऐसे आरोपित को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

तालाब से अवैध कब्जा छह महीने में हटाने का आदेश

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज जनपद में के हंडिया, सैदाबाद के ढुढेहरी गांव की तालाब भूमि से अतिक्रमण हटाने की राजस्व संहिता की धारा-67 की कार्रवाई छह महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने दीपक यादव की याचिका पर दिया है।

कब्जा की गई भूमि से बेदखली की कार्रवाई विचाराधीन

याचिका पर अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बहस की। इनका कहना था कि गांव के दर्जन भर लोगों ने ग्रामसभा की तालाब भूमि पर कब्जा कर लिया है। कब्जा की गई भूमि से बेदखली की कार्रवाई विचाराधीन है। उसका शीघ्र निस्तारण किया जाय। इसके बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है।

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