Allahabad High Court: कार में सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर, रिहाई का निर्देश

आरोपी याची के अधिवक्ता का कहना था कि 14 अक्टूबर 2020 की घटना की 28 अक्टूबर 2020 को कई दिनों की देरी से एफआइआर दर्ज कराई गई है। पीड़िता तीस साल की पढ़ी लिखी महिला है। उसके पति रेलवे में नौकरी करते हैं। याची से उसके पहले से संबंध है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 12:18 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:18 PM (IST)
Allahabad High Court: कार में सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर, रिहाई का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामूहिक दुराचार के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामूहिक दुराचार के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है और व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत सिंह ने दीपक पाल की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता मिथिलेश कुमार तिवारी ने बहस की।

पहले से था रिश्ता, मांग रही था प्लाट

एक महिला ने प्रयागराज के नैनी थाने में प्लाट दिखाने के बहाने स्कार्पियो गाड़ी में बैठाने के बाद याची सहित तीन लोगों पर दुराचार करने और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए नामजद केस लिखाया था। आरोपी याची के अधिवक्ता का कहना था कि 14 अक्टूबर 2020 की घटना की 28 अक्टूबर 2020 को कई दिनों की देरी से एफआइआर दर्ज कराई गई है। पीड़िता तीस साल की पढ़ी लिखी महिला है। उसके पति रेलवे में नौकरी करते हैं। याची से उसके पहले से संबंध है। उसने याची से बिना पैसा दिए प्लाट लिया है। इसके बाद याची से दूसरा प्लाट मांगा था। याची द्वारा दूसरा प्लाट देने से मना कर देने के बाद महिला ने झूठा आरोप लगाकर इस मुकदमे में फंसाया गया है। मेडिकल जांच रिपोर्ट में जोर-जबरदस्ती करने के निशान नहीं मिले हैं। याची एक नवंबर 2020 से जेल में बंद हैं। याची अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।

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