यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, 28 फरवरी तक चुनाव कराने का आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाने के 30 सितंबर 2020 के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को प्रशासक नियुक्त करके 28 फरवरी तक बोर्ड का चुनाव कराकर चार्ज सौंपने का आदेश दिया है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 07:36 PM (IST)
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, 28 फरवरी तक चुनाव कराने का आदेश
हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाने के आदेश को रद कर 28 फरवरी तक चुनाव कराने का आदेश दिया।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाने के अपर प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ के 30 सितंबर, 2020 के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को प्रशासक नियुक्त करके 28 फरवरी तक बोर्ड का चुनाव कराकर चार्ज सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि 30 सितंबर का आदेश रद होने से इस दौरान लिए गए फैसलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने नसीमुद्दीन व अन्य की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का चुनाव पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने के पहले करा लिया जाना चाहिए। एक अप्रैल, 2020 को कार्यकाल समाप्त हो गया। कोविड-19 के प्रकोप के कारण छह माह के लिए कार्यकाल बढ़ाया गया। इसके बाद भी चुनाव न कराकर कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है। ऐसा करने का राज्य सरकार को अधिकार नहीं है।

याची का कहना था कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में छह सौ से कम वोटर हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी मानक का पालन करते हुए चुनाव कराया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को बोर्ड के कार्यकाल बढ़ाने की अधिकारिता नहीं है। ऐसी आपात आवश्यकता नहीं थी, जिससे कार्यकाल बढ़ाना अपरिहार्य था। वहीं, सरकार का कहना था कि कोरोना संक्रमण के चलते डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्यकाल बढ़ाने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने जिसे नहीं माना और चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड कार्यकाल 30 सितंबर, 2020 को दूसरी बार खत्म हो गया था, जिसे जुफर फारूकी के नेतृत्व में छह महीने का विस्तार दे दिया गया था। इससे पहले यूपी सरकार ने एक अक्टूबर से छह माह का विस्तार दिया था। कोरोना संक्रमण के कारण सुन्नी वक्फ बोर्ड का चुनाव नहीं कराए जा सके थे। जुफर फारूकी के नेतृत्व में बोर्ड का पहला कार्यकाल 31 मार्च, 2020 को ही समाप्त हो चुका था। इसके बाद सरकार ने बोर्ड काे छह महीने का विस्तार दिया। 30 सितंबर के बाद दूसरी बार बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाया गया था।

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