इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा- कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए क्या है भविष्य का रोडमैप

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 का प्रोटोकाल का पालन करने की आम लोगों की भी जिम्मेदारी है लेकिन लोग मास्क पहनने और शारीरिक दूरी मानक का पालन ठीक से नहीं कर रहे हैं। जब पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो लोग इंटरनेट मीडिया पर हंगामा मचाते हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:01 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:56 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा- कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए क्या है भविष्य का रोडमैप
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए यूपी सरकार से भविष्य की तैयारियों का रोडमैप मांगा है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के कई वर्षों तक चलने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से भविष्य की तैयारियों का रोडमैप मांगा है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि कोविड-19 के कारण भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए शासन की क्या योजना है, इसकी पूरी जानकारी दी जाए।

कोरोना संक्रमण के मामले की स्वत: योजित जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को मुख्य न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है। हम नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि हम फिलहाल में कोई विपरीत नजरिया नहीं अपना रहे हैं। प्रदेश सरकार को कोरोना संक्रमण को लेकर अपनी कार्ययोजना बताने के लिए और समय दिया जा रहा है। सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने कहा कि राज्य सरकार से जवाब एक निर्धारित समयसीमा में मांगा जाए। इस पर खंडपीठ की मौखिक टिप्पणी थी कि क्या कोरोना वायरस की कोई समयसीमा है?

कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे लोग : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने की आम लोगों की भी जिम्मेदारी है लेकिन, लोग मास्क पहनने और शारीरिक दूरी मानक का पालन ठीक से नहीं कर रहे हैं। जब पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो लोग इंटरनेट मीडिया पर हंगामा मचाते हैं। मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।

तेजी से हो रहा है टीकाकरण : अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने खंडपीठ को राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। बताया कि टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण हो रहा है। विशेष केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी भी दी।

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