Lockdown in UP: इलाहाबाद हाईकोर्ट का यूपी सरकार को न‍िर्देश, नाइट कर्फ्यू की जगह लाकडाउन पर करें विचार

Lockdown in Uttar Pradesh इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम निर्देश खुले मैदानों में अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीडि़तों के इलाज की व्यवस्था की जाय। ट्रैकिंग टेस्टिंग व ट्रीटमेंट में तेजी लाई जाय सचिव स्तर के अधिकारी से मांगा हलफनामा सुनवाई 19 को।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:03 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 11:06 AM (IST)
Lockdown in UP: इलाहाबाद हाईकोर्ट का यूपी सरकार को न‍िर्देश, नाइट कर्फ्यू की जगह लाकडाउन पर करें विचार
Lockdown in Uttar Pradesh: जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किए जाएं।

प्रयागराज, [जेएनएन]। Lockdown in Uttar Pradesh: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से ज्यादा प्रभावित नगरों में दो अथवा तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लाकडाउन लगाने पर विचार करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई नहीं दे अन्यथा अदालत पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी। अदालत ने सामाजिक, धाॢमक आयोजनों में 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाने के साथ ही ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने की हिदायत दी है। कहा कि है कि शहरों में खुले मैदान लेकर अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीडि़तों के इलाज की व्यवस्था की जाय। जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किए जाएं।

कोरोना मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूॢत सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूॢत अजित कुमार की खंडपीठ ने यह निर्देश दिए। कहा कि नाइट कर्फ्यू कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने की दिशा में छोटा कदम है। दिन में भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाय। जीवन रहेगा तो अर्थव्यवस्था भी दुरुस्त हो जाएगी। विकास व्यक्तियों के लिए है। जब आदमी ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा? अदालत को बताया गया कि कोरोना मरीजों को भर्ती करने से अस्पताल इंकार कर रहे हैं। अलाॄमग स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोग गाइड लाइंस का पालन करने में सहयोग नहीं दे रहे हैं। इलाज की व्यवस्था फेल है। मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।

कड़ाई से लागू हो गाइडलाइंस : कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहरों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर शामिल हैैं। कोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैले एक साल बीत रहा है, लेकिन इलाज संबंधी सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका। कोर्ट ने सभी जिला प्रशासन से कहा है कि वह राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस को कड़ाई से अमल में लाएं। अगली सुनवाई पर सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा मांगा है। साथ ही प्रयागराज के जिलाधिकारी व सीएमओ को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया गया है।

यूपी बोर्ड के छात्रों की हो जांच : अदालत ने कैंटोनमेंट जोन को अपडेट कर तथा रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का निर्देश देते हुए कहा है कि हर 48 घंटे में जोन में सैनिटाइजेशन किया जाय। यूपी बोर्ड की आनलाइन परीक्षा दे रहे छात्रों की जांच पर भी जोर दिया। हाईकोर्ट ने एसपीजीआइ लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में कोरोना आइसीयू बढ़ाने व सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

मांग पर विचार करने का अनुरोध : खंडपीठ ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्रनाथ सिंह के सुझाव पर हाई कोर्ट कुछ दिन बंद रखने और जरूरी केस जैसे ध्वस्तीकरण, वसूली अथवा बेदखली मामलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करने पर विचार के लिए भी हाई कोर्ट प्रशासन से अनुरोध किया है। 

नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते। फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए।  -जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी

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