Allahabad High Court: डीएम प्रयागराज को एक और मौका, हटाएं तालाब से अवैध कब्जा

याचिका पर अधिवक्ता गिरधारी लाल चौधरी ने बहस की। इनका कहना था कि हाईकोर्ट ने प्लाट संख्या 287 तालाब से जांच कर अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया है। इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी गई है फिर भी आदेश की अवहेलना की जा रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 07:30 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 07:30 AM (IST)
Allahabad High Court: डीएम प्रयागराज को एक और मौका, हटाएं तालाब से अवैध कब्जा
हाई कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री के खिलाफ अवमानना का केस बनता है।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज को आदेश के पालन का एक मौका देते हुए चार हफ्ते में सोरांव के नगदिलपुर गांव के तालाब से विपक्षी द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री के खिलाफ अवमानना का केस बनता है।

हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी की डीएम ने

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने ग्राम प्रधान अखिलेश कुमार की अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता गिरधारी लाल चौधरी ने बहस की। इनका कहना था कि हाईकोर्ट ने प्लाट संख्या 287 तालाब से जांच कर अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया है। इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी गई है फिर भी आदेश की अवहेलना की जा रही है। याचिका में जिलाधिकारी को अवमानना में दंडित करने की मांग की गई थी।

एसडीएम के खिलाफ विभागीय जांच कार्यवाही का डीएम को निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी जौनपुर को एसडीएम शाहगंज के खिलाफ जांच कर विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने एसडीएम के एक पक्षीय आदेश 13 जून 2021 और 14 जून 2021 को मनमाना पूर्ण व अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने नरगिस बानो और अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता कमला कांत मिश्र व वरुण मिश्र ने बहस की। इनका कहना था कि याची ने नक्शा पास कराकर भवन निर्माण शुरू किया। रंजिश की वजह से कमलेश कुमार ने शिकायत की जबकि विवादित जमीन से उनका कोई सरोकार नहीं है। एसडीएम ने याची को नोटिस जारी कर हाजिर होने का निर्देश दिया मगर वह हाजिर नहीं हो सकी। इसके बावजूद एसडीएम ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। आदेश में ओवर राइटिंग है। विरोधाभास भी है।

एसडीएम ने लिखा कि याची कमलेश कुमार व अन्य बनाम मोहम्मद अमीन व अन्य केस के लंबित होने के तथ्य बताने में विफल रही। तथ्य छिपाकर नक्शा पास करा लिया जबकि याची हाजिर ही नहीं हो सकी। इस पर हाई कोर्ट ने कहा एसडीएम का आदेश नैसर्गिक न्याय के विपरीत है और इसलिए उसे रद कर दिया।

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