Allahabad Highcourt : प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में सिर्फ चार घंटे होगा काम, वादकारी नहीं जाएंगे कोर्ट में

महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सुबह 10.30 से दोपहर 2.30 बजे तक अतिआवश्यक मामले सुने जाएंगे। एक जज को एक क्षेत्राधिकार के मामले दिए जाएंगे। न्यायिक कार्य समाप्त होते ही न्यायिक अधिकारी न्यायालय परिसर छोड़ देंगे।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 06:39 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 06:39 PM (IST)
Allahabad Highcourt : प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में सिर्फ चार घंटे होगा काम, वादकारी नहीं जाएंगे कोर्ट में
गाइडलाइन के अनुसार सुबह 10.30 से दोपहर 2.30 बजे तक अतिआवश्यक मामले सुने जाएंगे।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश की समस्त अधीनस्थ अदालतों, अधिकरणों में मुकदमों की सुनवाई व्यवस्था के लिए जारी गाइडलाइन में संशोधन किया है। सभी जिला न्यायाधीशों, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, कामर्शियल अदालतों के पीठासीन अधिकारियों, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास अधिकरणों व वाहन दुर्घटना दावा अधिकरणों को रोटेशन के अनुसार न्यूनतम न्यायिक अधिकारियों व 33 प्रतिशत से कम स्टाफ से रोटेशन से काम लेने के लिए अधिकृत किया गया है। संक्रमण बढऩे पर जिला प्रशासन व सीएमओ अगर अदालत बंद करने की सलाह देते हैं, तब अदालत बंद करके हाई कोर्ट को सूचित करने को कहा गया है।

हाई कोर्ट ने पहले से जारी गाइडलाइन में किया संशोधन

महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सुबह 10.30 से दोपहर 2.30 बजे तक अतिआवश्यक मामले सुने जाएंगे। एक जज को एक क्षेत्राधिकार के मामले दिए जाएंगे। न्यायिक कार्य समाप्त होते ही न्यायिक अधिकारी न्यायालय परिसर छोड़ देंगे। मुकदमों की सुनवाई शारीरिक व वर्चुअल दोनों तरीके से होगी। लेकिन, जिला जज या पीठासीन अधिकारी पर होगा कि चाहे तो जरूरत पडऩे पर वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था कर सकेंगे। अॢजयां पूरे ब्योरेे, मोबाइल फोन नंबर व आइडी के साथ मेल से दाखिल होंगी। कंप्यूटर विभाग इसे डाउनलोड कर कार्रवाई करेगा। शनिवार को अदालतें बंद रहेंगी। इस योजना पर बार पदाधिकारियों से चर्चा करके इसे 24 अप्रैल से लागू किया जाएगा। बंदी के दिन परिसर का सैनिटाइजेशन किया जाएगा।

वादकारियों का प्रवेश प्रतिबंधित

जिन वकीलों का केस लगा होगा केवल वही कोर्ट में जाएंगे। वादकारियों का कोर्ट परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। जरूरी होने पर ही वादकारियों को कोर्ट में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वकील बहस के बाद बाहर चले जाएंगे। वकीलों व वादकारी को आरटीपीसीआर की कोरोना जांच रिपोर्ट देनी होगी।

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