Allahabad High Court प्रशासन ने 14 सहायक निबंधकों को दी उप निबंधक पद पर प्रोन्नति

उच्च न्यायालय कर्मचारी अधिकारी संघ के महासचिव बृजेश कुमार शुक्ल वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह कनिष्ठ उपाध्यक्ष आलोक निरंजन संयुक्त सचिव विजयानंद द्विवेदी सहायक सचिव गवेंद्र सिंह कोषाध्यक्ष बृजेश यादव आदि ने पदोन्नत अधिकारियों को बधाई दी है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:00 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 12:15 AM (IST)
Allahabad High Court प्रशासन ने 14 सहायक निबंधकों को दी उप निबंधक पद पर प्रोन्नति
हाईकोर्ट प्रशासन ने 14 सहायक निबंधकों को उप निबंधक पद पर प्रोन्नति दी है।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। हाईकोर्ट प्रशासन ने 14 सहायक निबंधकों को उप निबंधक पद पर प्रोन्नति दी है। महानिबंधक आशीष गर्ग की अधिसूचना के अनुसार प्रोन्नत सहायक निबंधक में भानु प्रताप सिंह, दिनेश कुमार पांडेय, राजेश कुमार मेहरोत्रा, अनिल कुमार सोनकर, शैलेश कुमार सिन्हा (लखनऊ), अशोक कुमार चतुर्थ, सुशील कुमार रत्नाकर, संतोष कुमार मिश्र, राकेश कुमार चौरसिया, राम किशोर, अजय कुमार श्रीवास्तव, शिव प्रकाश (लखनऊ), ओम बहादुर सिंह और संजय कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं।

पदोन्नत अधिकारियों को दी गई बधाई

उच्च न्यायालय कर्म अधिकारी संघ के महासचिव बृजेश कुमार शुक्ल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह, कनिष्ठ उपाध्यक्ष आलोक निरंजन, संयुक्त सचिव विजयानंद द्विवेदी, सहायक सचिव गवेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष बृजेश यादव, खेल सचिव पंकज कुशवाहा, कार्यकारिणी सदस्य भूपेश गौतम, आकांक्षा पांडेय, वक़ार आलम सिद्धांत साहू, आकांक्षा श्रीवास्तव, राजकुमार मिश्र, मोहम्मद आज़म, सचिंद्र नाथ,आदिल शमीम, मिठाई लाल सोनकर, अशोक भास्कर और अखिलेश कुमार ने पदोन्नत अधिकारियों को बधाई दी है।

अपर मुख्य अधिशासी अधिकारी के निलंबन पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला पंचायत कौशांबी के अपर मुख्य अधिशासी अधिकारी के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है और प्रदेश सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने रनमत राजपूत की याचिका पर दिया है। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि याची को सड़क निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी की शिकायत पर निलंबित किया गया जबकि ठेका लेने वाली कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों ने घटिया सड़क निर्माण की शिकायत की थी। इसकी एमएनएनआईटी के विशेषज्ञ टीम से जांच कराई गई। जांच में घटिया निर्माण की शिकायत सही पाई गई। इस बीच ठेका लेने वाली कंपनी ने जिला पंचायत के कुछ इंजीनियरों, कर्मचारियों और याची के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की। दावा किया कि उसके पास इसकी ऑडियो वीडियो रिका‌र्डिंग भी है। इस आधार पर याची को बिना जांच के निलंबित कर दिया गया। अभी तक चार्जशीट नहीं दिया गया है।

ग्रामीण विकास अधिकारी भर्ती

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास लखनऊ को 2016 की ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में 26 जून 2020 को लोक सेवा आयोग द्वारा जारी पूरक चयन सूची के अभ्यर्थियों को चार हफ्ते में नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को मानने से इंकार कर दिया कि आयोग को एक बार परिणाम घोषित करने के बाद पूरक परिणाम घोषित करने का विधिक अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 3133 विज्ञापित पदों में से 2947 के परिणाम घोषित किया और सत्यापन आदि लंबित होने के कारण 116 पदों के परिणाम रोक लिए। बाद में इन्हीं पदों के परिणाम क्लीयर किए गए। 26 जून 2018 अभ्यर्थियों की सूची बचे पदों की है। यह सूची उसी चयन प्रक्रिया की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने राबिन कुमार सिंह और आदर्श कुमार पाण्डेय की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता केएस कुशवाहा और एमए सिद्दीकी ने बहस की।

मालूम हो कि आयोग ने 2013 में ग्राम विकास अधिकारी भर्ती निकाली। लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद 18 जुलाई 2018 को 2947 पदों का परिणाम घोषित किया गया और दस्तावेज सत्यापन आदि लंबित होने के कारण 116 पद के परिणाम रोक लिए गए। कोर्ट ने आयोग को विचार करने का निर्देश दिया। 23जून 2020 को 98 व 26 जून 2020 को 18 पदों के परिणाम घोषित किए गए। संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास ने आपत्ति की कि 2947 पदों के परिणाम घोषित होने के साथ ही चयन प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके बाद आयोग को पूरक चयन सूची जारी करने का विधिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कुल विज्ञापित पद 3133, घोषित 2947+116+70 एकस सर्विस में कोटा ही चयनित किया गया है। विज्ञापित पदों का ही चयन किया गया है। सरकार को एक ही चयन के अभ्यर्थियों में भेद करने का अधिकार नहीं है। रुके हुए परिणाम ही घोषित किए गए हैं। अलग से सूची जारी नहीं की गई है। इसलिए चार हफ्ते में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाय।

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