Allahabad High Court: कैंट थाने में अवैध हिरासत की याचिका पर सरकार से जवाब तलब
याची अधिवक्ता ॠतेश श्रीवास्तव का कहना है कि सात जुलाई को रात आठ बजे याची का उसके घर के दरवाजे से अपहरण कर लिया गया। धूमनगंज थानाध्यक्ष से मां ने फरियाद की कोई जवाब नहीं मिला। आठ जुलाई को पता चला कैंट थाने के टार्चर रूम में रखा गया है।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। प्रयागराज के कैंट थाने में अवैध रूप से निरूद्ध धूमनगंज के राज केसरवानी की मां की फरियाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्पेशल पीठ ने रविवार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की। अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि 30 जून को सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस के सिलसिले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसओजी ने गिरफ्तार किया है और रविवार 11 जुलाई को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया है।
थाने में क्यों रखा, पूछने पर नहीं बता रही पुलिस
इस पर हाई कोर्ट ने कहा प्रथम दृष्टया यह अवैध निरूद्धि नहीं लगती। राज्य सरकार से दो दिन में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। यह आदेश विशेष खंडपीठ ने सुमन केशरवानी के पत्र बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता ॠतेश श्रीवास्तव का कहना है कि सात जुलाई को रात आठ बजे याची का उसके घर के दरवाजे से अपहरण कर लिया गया। धूमनगंज थानाध्यक्ष से मां ने फरियाद की, कोई जवाब नहीं मिला। आठ जुलाई को पता चला कैंट थाने के टार्चर रूम में रखा गया है। कैंट थाने ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि मजिस्ट्रेट के सामने क्यों पेश नहीं कर रहे। 10 जुलाई को पुलिस को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की मांग भी की गई। 112 पर पुलिस को डायल किया गया, किन्तु कोई सुनवाई नही हुई। एसएचओ सिविल लाइंस कैंट थाने में गए भी। मगर उसके बेटे को किस केस में गिरफ्तार किया गया है, पुलिस नहीं बता रही थी तो हाईकोर्ट को पत्र लिखकर पुलिस की अवैध निरूद्धि से कोर्ट में पेश करने की गुहार लगाई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी ने स्पेशल पीठ गठित की। पत्र याचिका सरकारी अधिवक्ता को दी गई थी। रविवार को विशेष खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई की।