Tandava Web Series: यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तांडव वेब सीरीज को बताया जहरीला

Tandava Web Series उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि हिंदी समाज को अपमानित करने के लिए इस तरह की सीरीज बनाई गई है। इससे सभी को बाज आना चाहिए। जब इसकी स्क्रिप्ट लिखी गई तो उसी समय विरोध जताया गया था।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 09:31 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 09:31 AM (IST)
Tandava Web Series: यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तांडव वेब सीरीज को बताया जहरीला
तांडव वेब सीरीज को लेकर उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

प्रयागराज, जेएनएन। तांडव वेब सीरीज को लेकर आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। माघ मेला क्षेत्र में साधु-संतों ने भी इस पर नाराजगी जताई है। कुछ संतों ने संबंधित कलाकारों का पुतला भी फूंका। कहा कि इस तरह की आजादी समाज को तोडऩे वाली है। इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। इस संबंध में उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि तांडव वेब सीरीज जहरीला है। किसी को भी सामाजिक हित को तोडऩे का अधिकार नहीं है।

डिप्‍टी सीएम ने कहा-यह समाज को तोडऩे का काम है

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि हिंदी समाज को अपमानित करने के लिए इस तरह की सीरीज बनाई गई है। इससे सभी को बाज आना चाहिए। जब इसकी स्क्रिप्ट लिखी गई तो उसी समय विरोध जताया गया था। अब इसे पर्दे पर भी उतारा जा रहा है। ऐसा करना किसी के हित मेें नहीं है। यह समाज को तोडऩे का काम है। अभिव्यक्ति के नाम पर या कला के नाम पर किसी को किसी भी भावनाओं को आहत करने का हक नहीं है।

बोले, वेब सीरीज पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है

उप मुख्यमंत्री ने एक चैनल को दिए बयान में कहा है कि वेब सीरीज पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसी गतिविधियों में लिप्त रहने वालों को आगे के लिए भी सावधान हो जाना चाहिए। ऐसा कोई कृत्य किसी को नहीं करना चाहिए जिससे किसी की भी धार्मिक भावनाएं आहत हों। तांडव वेब सीरीज से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। सामाजिक समरसता को खत्म करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाएगा।

ऐसे वेब सीरीज के निर्माण पर रोक लगे : सांसद केशरी देवी

इसी तरह सांसद फूलपुर केसरी देवी पटेल ने भी ऐसे वेब सीरीज के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। कहा है कि कला का सम्मान हैं। सभी की अभिव्यक्ति का भी सम्मान है पर दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना गलत है। इस तरह की गतिविधियां सांस्कृतिक परंपरा को भी नुकसान पहुंचाती हैं। हमें अपने देश की संस्कृति को बचाने के लिए भी एकजुट रहना चाहिए।

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