Allahabad Central University : यूजी प्रथम वर्ष और पीजी प्रथम सेमेस्टर के छात्र भी प्रोन्नत, जाने क्या होगा फार्मूला
Allahabad Central University इविवि की जनसंपर्क अधिकारी डाक्टर जया कपूर ने बताया कि परीक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक स्नातक पाठ्यक्रम के तहत बीए बीएससी और बीकाम प्रथम वर्ष के सभी छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया गया।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कालेजों में अध्ययनरत स्नातक प्रथम के अलावा परास्नातक प्रथम सेमेस्टर और इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज (आइपीएस) के सम-विषम सेमेस्टर तथा अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को भी प्रोन्नत कर दिया गया। यह अहम फैसला गत बुधवार को कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह की मौजूदगी में परीक्षा समिति की बैठक में लिया है।
इविवि की जनसंपर्क अधिकारी डाक्टर जया कपूर ने बताया कि परीक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक स्नातक पाठ्यक्रम के तहत बीए, बीएससी और बीकाम प्रथम वर्ष के सभी छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया गया। द्वितीय वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद उनकी फाइनल मार्कशीट जारी की जाएगी। समिति ने इस बात पर भी चर्चा किया कि कुछ छात्रों को ऐसा लग रहा है कि प्रोन्नत किए जाने से उन्हें कम अंक मिले हैं। ऐसे छात्रों को परीक्षा देने का भी अवसर देने का निर्णय लिया गया है। ऐसे छात्रों को संबंधित इकाई अथवा विश्वविद्यालय काउंटर और कालेज के काउंटर पर अपने पूरे विवरण के साथ आवेदन करना होगा। इसके बाद कोरोना की परिस्थितियों के अनुरूप उनकी परीक्षाएं आनलाइन मोड में सितंबर में कराई जाएंगी। हालांकि, वह अनिवार्य रूप से द्वितीय वर्ष की कक्षा में उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करें। विषम सेमेस्टर के तहत परास्नातक और प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के प्रथम, द्वितीय के अलावा पांचवे, सातवें और नौवें सेेमेस्टर के छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया गया है।
अक्टूबर में अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं
परीक्षा समिति ने परास्नातक और प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के अंतिम सेमेस्टर और सम सेमेस्टर की परीक्षाएं अक्टूबर के पहले सप्ताह में कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, अभी यह तय नहीं सका कि परीक्षाएं किस मोड में कराई जाएंगी। कोविड-19 की स्थितियों को देखने के बाद यह बाद में तय होगा। सभी विभागों और सेंटर से अपेक्षा किया गया है कि वह अगस्त के अंतिम सप्ताह तक पाठ्यक्रम और इंटरनल एसेसमेंट पूरा कर लें।
नहीं होगी अंकसुधार परीक्षा
कोरोना की वर्तमान स्थितियों को देखते हुए विश्वविद्यालय स्नातक अंतिम वर्ष की अंकसुधार परीक्षा कराने में सक्षम नहीं है। इस लिहाज से स्नातक द्वितीय और तृतीय वर्ष में प्रोन्नत करते वक्त छात्रों को 10 फीसद और सात फीसद अतिरिक्त अंक प्रदान कर दिया गया। इसके बाद ही मार्कशीट जारी की गई।
सिरे से खारिज हुई 60 फीसद अंक देने की मांग
एनएसयूआई की तरफ से गत दिनों से यह मांग किया जा रहा था कि सभी छात्रों को 60 फीसद अंकों के साथ प्रोन्नत किया जाए। इस मांग को लेकर गुरुवार को दिनभर हंगामा हुआ था। हालांकि, बाद में गिरफ्तारी के डर से छात्र बैकफुट पर आ गए। छात्रों के इस प्रस्ताव को भी समिति में रखा गया। हालांकि, समिति ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
प्रोन्नत के यह होंगे मानक
- न्यूनतम दिया जाने वाला अंक उत्तीर्ण की श्रेणी में आएगा
- अधिकतम दिया जाने वाला अंक पूर्णांक से दो नंबर कम होगा
- सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन और अंतिम परीक्षा में अलग-अलग उत्तीर्ण अंक दिए जाएंगे
- आंतरिक मूल्यांकन के अंक विभाग और सेंटर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे
- सेमेस्टर के अंतिम परीक्षा में दिए जाने वाले अंक आंतरिक मूल्यांकन में दिए गए अंकों का डेढ़ गुना होगा