Allahabad Central University: नए कुलाधिपति के लिए भेजे जाएंगे पांच नाम, कार्य परिषद सदस्यों की तरफ से भेजे गए नाम की हुई स्क्रीनिंग
Allahabad Central University मंत्रालय ने 29 जून 2019 को 10 दिन के भीतर कुलाधिपति पद के लिए देश के नामी विज्ञानी अथवा प्रबुद्ध व्यक्तियों के नाम मांगे। फिर 16 अगस्त 2019 को इविवि की तरफ से नए कुलाधिपति के लिए पांच नामों का पैनल तैयार कर मंत्रालय को भेजा गया।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में नए कुलाधिपति (चांसलर) की नियुक्ति प्रक्रिया अब तेज हो गई है। कार्य परिषद के सदस्यों की तरफ से भेजे गए नामों की स्क्रीनिंग के बाद पांच नाम पर सहमति बन गई है। अब कुलपति सीलबंद लिफाफे में पांच नाम मंत्रालय को भेजेंगी। इसके बाद इनमें से एक नाम पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाएंगे।
दरअसल, इविवि की वेबसाइट और दस्तावेजों में अभी भी शिक्षाविद प्रोफेसर गोवर्धन मेहता का नाम कुलाधिपति के रूप में दर्ज है। जबकि उनका कार्यकाल 12 जून 2017 को समाप्त हो चुका है। प्रोफेसर मेहता ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मंत्रालय को इस्तीफा भी भेज दिया था। इसमें उन्होंने तमाम खामियां गिनाते हुए कहा था कि वह इन्हीं वजहों से कभी इविवि नहीं गए। इसके बाद मंत्रालय ने 29 जून 2019 को 10 दिन के भीतर कुलाधिपति पद के लिए देश के नामी विज्ञानी अथवा प्रबुद्ध व्यक्तियों के नाम मांगे। फिर 16 अगस्त 2019 को इविवि की तरफ से नए कुलाधिपति के लिए पांच नामों का पैनल तैयार कर मंत्रालय को भेजा गया।
केंद्रीय शिक्षामंत्री ने इन नामों को किया खारिज
इनमें शिक्षाविद प्रो. केबी पांडेय, बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, बीएचयू और केजीएमयू लखनऊ के कुलपति रह चुके प्रो. हरि गौतम, उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री रहे डा. रवींद्र शुक्ल, जस्टिस सखाराम यादव और इसरो के पूर्व चेयरमैन के कस्तूरीरंगन का नाम था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी नाम को खारिज कर दिया।
मंत्रालय की ओर से नए सिरे से मांगे गए थे पांच नाम
मंत्रालय के उपसचिव सूरत सिंह ने 28 अगस्त 2020 को इविवि प्रशासन को पत्र भेजकर नए सिरे से पांच नाम मांगे। इस पर इविवि प्रशासन ने पिछले महीने हुई कार्य परिषद के एजेंडे में इस मसले को प्रमुखता से शामिल किया था। बैठक में तय हुआ कि कार्य परिषद के सभी सदस्य कुलपति को सीधे ई-मेल कर दो नाम सुझाएंगे। तकरीबन सभी सदस्यों ने दो-दो नाम भेज भी दिए। इसके बाद इसकी स्क्रीनिंग कर पांच नाम पर सहमति बनी। अब इसमें से किसी एक नाम पर राष्ट्रपति पांच साल के लिए अंतिम मुहर लगाएंगे। पीआरओ डा. जया कपूर ने बताया कि कुलाधिपति के प्रस्तावित नाम के चयन संबंध में कार्य किया जा रहा है। प्रक्रिया पूरी होने पर प्रस्ताव के साथ फाइल मंत्रालय को भेज दी जाएगी।