Allahabad University ने जमाती प्रोफेसर के खिलाफ जांच की कार्रवाई तेज कर दी Prayagraj News
प्रोफेसर शाहिद पर 10 मार्च तक निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल होने जमात में शामिल होने वाले विदेशियों को पनाह दिलाने और मदद करने का आरोप है।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में राजनीति विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के खिलाफ गठित कमेटी ने जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। मंगलवार को चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में कमेटी की पहली बैठक हुई। इस दौरान कमेटी ने रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल से प्रो. शाहिद पर लगे आरोपों से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। दस्तावेज का अध्ययन करेगी फिर अगली बैठक में पूछताछ भी कर सकती है।
तबलीगी जमात में शामिल होने और विदेशियों का पनाह दिलाने का है आरोप
दरअसल, प्रोफेसर शाहिद पर 10 मार्च तक निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल होने, जमात में शामिल होने वाले विदेशियों को पनाह दिलाने और मदद करने का आरोप है। जमात में शामिल होने की जानकारी छिपाकर वह 17 मार्च को इविवि की वार्षिक परीक्षा में शामिल हुए।
प्रोफेसर के खिलाफ शिवकुटी और शाहगंज थाने में दर्ज है मुकदमा
आठ अप्रैल को उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। 21 अप्रैल को प्रोफेसर शहिद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी ने 24 अप्रैल को विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए उन्हें गिरफ्तारी की अवधि से निलंबित कर दिया। इविवि प्रशासन ने चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आरके उपाध्याय की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जो जल्द ही रिपोर्ट इविवि प्रशासन को सौंप देगी। विचार के लिए रिपोर्ट कार्य परिषद की अगली बैठक में रखी जाएगी, तब कोई निर्णय लिया जाएगा। बैठक के दौरान रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल, डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह, राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. अनुराधा अग्रवाल और उर्दू विभाग की अध्यक्ष प्रो. शबनम हामिद उपस्थित रहे।