Ramadan 2021: सहरी में अल्लाह देते हैं सबसे बड़ी बरकत, रोजेदारों के लिए बेहद जरूरी है इस पर करना अमल
आमतौर पर लोग रोजा रखते है वो बगैर सहरी खाये रोजा रख लेते है। उन्हें चाहिए कि सहरी खाकर रोजा रखें। इसकी बड़ी बरकते हदीस ए पाक में आयी है। इसलिए जरूरी है कि सभी रोजेदार सहरी खाने पर अमल जरूर करें ताकि इसकी बरकत के हकदार बन सकें।
प्रयागराज, जेएनएन। रमजान के पाक महीने में रोजा रखने वालों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो सहरी नहीं खाते है। जबकि रोजा रखने वालों के सहरी खाना बेहद जरूरी है। मौलाना नादिर हुसैन बताते है कि सहरी में बड़ी बरकत है। पैगम्बर साहब ने फरमाया सहरी खाया करो, क्योंकि सहरी में बरकत है। पैगम्बर ने सहरी खाने का सभी हुक्म फरमाया।
सहरी खाना भी सुन्नत
मौलाना नादिर बताते हैं कि सहरी खाना भी सुन्नत है। पैगम्बर साहब ने फरमाया कि मेरा सबसे पसंदीदा बंदा वो है, जो सहरी खाकर इफ्तारी करे। हजरत-ए-अरबाज बिन सारिया फरमाते है कि एक मर्तबा पैगम्बर साहब ने मुझे अपने करीब बुलाया, यहां तक की हम लोग नमाज ए तरावी वगैराह से फारिग होकर बैठे हुए थे। आपने हम लोगों को बुलाया और फरमाया साहरी यानी सुबह के खाने को खाओ, अल्लाह ने इसमें बड़ी बरकत रखी है। मौलाना नादिर कहते है कि आज कल देखा जा रहा है कि आमतौर पर लोग, रोजा रखते है, वो बगैर सहरी खाये रोजा रख लेते है। उन्हें चाहिए कि सहरी खाकर रोजा रखें। इसकी बड़ी बरकते हदीस ए पाक में आयी है। इसलिए जरूरी है कि सभी रोजेदार सहरी खाने पर अमल जरूर करें ताकि इसकी बरकत के हकदार बन सकें।