Akshaya Tritiya 2021: कोरोना कर्फ्यू में कैसे मनाएं अक्षय तृतीया, जानिए- प्रयागराज के ज्‍योतिषाचार्य की सलाह

Akshaya Tritiya 2021 ग्रह नक्षत्र ज्योतिष शोध संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय बताते हैं कि अक्षय तृतीया 14 मई शुक्रवार को है। मृगशिरा नक्षत्र रहेगा चंद्रमा शाम को 5.03 तक वृष राशि में रहेगा। उसके बाद मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:03 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:03 AM (IST)
Akshaya Tritiya 2021: कोरोना कर्फ्यू में कैसे मनाएं अक्षय तृतीया, जानिए- प्रयागराज के ज्‍योतिषाचार्य की सलाह
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय ने अक्षय तृतीया पर राशि के अनुसार लोगों को पूजन की विधि बताई।

प्रयागराज, जेएनएन। चंद दिनों बाद यानी 14 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया खरीदारी, नए कार्य की शुरुआत के लिए सबसे उत्तम तिथि मानी जाती है। हर बार अक्षय तृतीया पर बाजार खरीदारों से पट जाता था। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार लॉकडाउन यानी कोरोना कर्फ्यू लगा है। ऐसे में घर से बाहर निकलने पर मनाही है। बाजार भी बंद रहेंगे। ऐसी स्थिति में सबको घर में रहकर समस्त कार्य करने होंगे।

ज्‍योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्‍णेय ने कहा- करें मानसिक पूजा

ग्रह नक्षत्र ज्योतिष शोध संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय बताते हैं कि अक्षय तृतीया 14 मई शुक्रवार को है। मृगशिरा नक्षत्र रहेगा, चंद्रमा शाम को 5.03 तक वृष राशि में रहेगा। उसके बाद मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा। अक्षय तृतीया के दिन स्थिर लग्न में अपने घर में धन वृद्धि के लिए उपाय किया जा सकता है। बताया कि शास्त्रों में मानसिक पूजा पर विशेष जोर दिया गया है। उसे कोरोना काल में क्रियांवित करना होगा।

धन वृद्धि के लिए यह करें उपाय

कोरोना काल को देखते हुए पुण्य का निवेश किया जा सकता है। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर ऑनलाइन बचत खाता प्रारंभ करके धीरे-धीरे उसमें धन जमा कराया जा सकता है। सामर्थ्य अनुसार पुण्य के निवेश में स्वर्ण बांड खरीदा जा सकता है।

पुराने सिक्के का करें पूजन

बीते सालों में अक्षय तृतीया पर चांदी का सिक्का अथवा सोने का सिक्का खरीदा हो, उसे गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। हल्दी का तिलक लगाकर भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी का स्मरण कर अपनी तिजोरी अथवा धन संग्रह के स्थान पर रखें। इससे ईश्वर आपको अक्षय समृद्धि एवं अक्षय स्वास्थ्य प्रदान करेंगे। सोना न होने में घर में पीली सरसों को पीले रुमाल में बांधकर भगवान के चरणों में अथवा तिजोरी में रखा जा सकता है। ऑनलाइन स्वर्ण बांड आदि खरीद कर मुहूर्त का लाभ उठा सकते हैं,  अथवा अपनी संतान के उज्ज्वल भविष्य के लिए ऑनलाइन धन निवेश कर सकते हैं।

राशि के अनुरूप करें पूजन

कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए मंदिर अथवा अपने घर में ब्राह्मण अथवा किसी जरूरतमंद व्यक्ति को बुलाकर दान करना चाहिए। दान हर व्यक्ति को अपनी राशि के अनुरूप करना चाहिए, उससे अधिक पुण्य मिलता है।

मेष : जौ या जौ से बने पदार्थ, सत्तू एवं गेहूं का यथा संभव दान करें।

वृषभ : ग्रीष्म ऋतु के फल, जल से भरी तीन मटकी एवं दूध का दान करें।

मिथुन : ककड़ी, खीरा, सत्तू एवं हरी मूंग मंदिर में दान करें।

कर्क : जल से भरी एक मटकी, दूध एवं मिश्री किसी साधु को दान करें।

सिंह : सत्तू, जौ एवं गेहूं में से किसी एक पदार्थ का यथासंभव दान किसी मंदिर में करें।

कन्या : ककड़ी, खीरा एवं तरबूज मंदिर में दान करें।

तुला : मजदूरों या राहगीरों को पानी पिलाएं। किसी गरीब को जूते-चप्पल दान करने से ग्रह दोष कम होगा।

वृश्चिक : किसी गरीब व्यक्ति को जल से भरा पात्र, छाता अथवा पंखा दान करने से कष्टों से राहत महसूस करेंगे।

धनु : बेसन से निॢमत पदार्थ, चने की दाल, मौसमी फल या सत्तू में से कोई भी एक पदार्थ मंदिर में दान करें।

मकर : जल से भरी मटकी, दूध एवं मीठे पदार्थ गरीब को दान करें।

कुंभ : जल से भरा मटका, मौसमी फल तथा गेहूं किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।

मीन : चार हल्दी की गांठ ब्राह्मण को दान स्वरूप दें। बेसन से निॢमत पदार्थ एवं सत्तू मंदिर में दान करें।

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