गीतों के जरिए पढ़ाई करा रहे अखिलेश, प्रतापगढ़ के शिक्षक के अध्यापन का अनोखा तरीका

शिक्षक अखिलेश गीतों के जरिए कक्षा में बच्चों को पढ़ाते हैं। कक्षा पांच की हिंदी वाटिका की पुस्तक में जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित विमल इंदु की विशाल किरणें प्रकाश तेरा बता रही हैं... को गीतों के माध्यम से पढ़ाते हैं। पढ़कर बच्चे आनंदित हो उठते हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 03:37 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 03:42 PM (IST)
गीतों के जरिए पढ़ाई करा रहे अखिलेश, प्रतापगढ़ के शिक्षक के अध्यापन का अनोखा तरीका
पठन-पाठन का रोचक तरीका विद्यार्थियों को भाता है। वह मन से पढ़ते और समझते हैैं।

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। विमल इंदु की विशाल किरणें, प्रकाश तेरा बता रही हैं। अनादि तेरी अनंत माया, जगत को लीला दिखा रही हैं...। इस तरह कविताओं के जरिए कंपोजिट विद्यालय मानधाता के शिक्षक अखिलेश पांडेय बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनके पठन-पाठन का रोचक तरीका विद्यार्थियों को भाता है। वह मन से पढ़ते और समझते हैैं।

दो राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल चुके अखिलेश को

शिक्षक अखिलेश गीतों के जरिए कक्षा में बच्चों को पढ़ाते हैं। कक्षा पांच की हिंदी वाटिका की पुस्तक में जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित विमल इंदु की विशाल किरणें, प्रकाश तेरा बता रही हैं... को गीतों के माध्यम से पढ़ाते हैं। पढ़कर बच्चे आनंदित हो उठते हैं। कक्षा के बच्चे पूरे मनोयोग से उनका साथ देते हैं। कक्षा पांच की हिंदी पाठ्य पुस्तक वाटिका से अन्य रचनाओं में कामायनी महाकाव्य, चंद्रगुप्त, कंकाल, तितली को भी वह कविताओं के माध्यम से पढ़ा रहे हैं। स्कूल में बच्चों ने संस्कृत के श्लोकों को भी कंठस्थ कर लिया है। वह भी गीतों के माध्यम से। शिक्षक अखिलेश को ऐसे ही प्रयोगों के चलते दो राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल चुके हैं। कहानी सुनाओ प्रतियोगिता 2020 और काव्य गायन प्रतियोगिता 2019 में राज्य स्तरीय पुरस्कार मिला था।

क्या कहते हैं बच्चे

मास्टर साहब हम लोगों को पढ़ाते हैं तो हम बड़े उत्साह के साथ पढ़ते हैं। वह जब गाने गा कर पढ़ाते हैं तो हम सभी को बहुत अच्छा लगता है।

-सपना, कक्षा पांच

हम सभी को पांडेय सर के पढ़ाने का इंतजार रहता है। उनके कक्षा में आने पर हम सभी खुश हो जाते हैं। पढ़ाने का तरीका अत्यंत रोचक और सरल रहता है।

-आदर्श पटेल, कक्षा-पांच

क्या कहते हैं अभिभावक

शिक्षक अखिलेश की पढ़ाने की शैली इतनी सरल है कि बच्चों को आसानी से समझ में आ जाता है और उन्हें कविताएं कंठस्थ हो जाती हैं।

-अंजनी कुमार पटेल, अभिभावक

मैनें स्वयं गुरु जी को पढ़ाते हुए देखा है। वह जब पढ़ाते हैं तो उसी में डूब जाते हैं। यही कारण है कि बच्चे उनकी कक्षा में बड़े ही मनोयोग से उन्हें सुनते हैं।

-विजय गौतम, अभिभावक

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