अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील, बोले- बेजुबानों का जीवन बचाने में करें पहल
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कुछ साल पहले तक हिंदुओं में बलि देने की प्रथा थी। अलग-अलग देव स्थलों पर पशुओं को बलि दी जाती थी। धर्मगुरुओं ने आपसी सहमति से जीव हत्या रुकवा दिया। अब पशुओं की जगह नारियल की बलि देकर परंपरा का निर्वहन किया जाता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मुस्लिम समुदाय का प्रमुख पर्व बकरीद बुधवार को मनाया जाएगा। इसके पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से जीव हत्या रोकने की अपील की है। कहा कि बकरीद में लाखों बेजुबान पशुओं की बलि दी जाती है, जिसे रोकने की जरूरत है। कोई भी धर्म किसी जीव की हत्या करना नहीं सिखाता, बल्कि सभी दूसरों के जीवन की रक्षा की सीख देते हैं। मुस्लिम धर्मगुरु अपने समुदाय के लोगों को जीव हत्या करने से रोकेंगे तो उससे बेहतर माहौल बनेगा।
बोले, धर्मगुरुओं ने हिंदुओं में बलि देने की प्रथा खत्म करवाई
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कुछ साल पहले तक हिंदुओं में बलि देने की प्रथा थी। अलग-अलग देव स्थलों पर पशुओं को बलि दी जाती थी। धर्मगुरुओं ने आपसी चिंतन व सहमति से जीव हत्या रुकवा दिया। अब पशुओं की जगह नारियल की बलि देकर परंपरा का निर्वहन किया जाता है। इससे न किसी की आस्था पर ठेस पहुंची, न ही परंपरा से छेड़छाड़ हुई और जीव हत्या भी रुक गई। ऐसा ही प्रयास मुस्लिम धर्मगुरुओं को करना चाहिए।
कांवर यात्रा रोकना उचित निर्णय
प्रदेश सरकार ने कोरोना के मद्देनजर सावन के महीने में निकलने वाली कांवर यात्रा को रोक दिया है। सरकार के निर्णय का महंत नरेंद्र गिरि ने स्वागत किया है। कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा बना है। ऐसी स्थिति में योगी सरकार ने कांवर यात्रा रोककर दूरदर्शिता का परिचय दिया है। अखाड़ा परिषद भी शिवभक्तों से कांवर यात्रा रोकने की अपील कर चुका है। शिवभक्त अपने घर के पास के शिवालयों में जलाभिषेक करके परंपरा का निर्वाहन करें। स्थिति ठीक होने पर अगले वर्ष कांवर यात्रा निकालें।