बाहुबली पूर्व MP धनंजय सिंह ने प्रयागराज एमपी/एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर, भेजा गया जेल

अजीत सिंह की लखनऊ में छह जनवरी को हत्या की साजिश रचने वाले पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को प्रयागराज में एमपी/एमएलए कोर्ट ने जेल भेज दिया है। लखनऊ की कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम भी रखा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 12:56 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 05:44 PM (IST)
बाहुबली पूर्व MP धनंजय सिंह ने प्रयागराज एमपी/एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर, भेजा गया जेल
धनंजय सिंह ने प्रयागराज की एमपी/एलएलए कोर्ट में शुक्रवार को दिन में करीब 12 बजे आत्मसमर्पण किया है

प्रयागराज, जेएनएन। मऊ के ब्लाक प्रमुख रहे अजीत सिंह की लखनऊ में छह जनवरी को हत्या की साजिश रचने वाले पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को प्रयागराज में एमपी/एमएलए कोर्ट ने जेल भेज दिया है।

लखनऊ की कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम भी रखा था। इसके बाद जब उसकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी की गई तो माफिया ने शुक्रवार को यहां पर एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। धनंजय सिंह ने आत्मसमर्पण किया और कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में नैनी जेल भेज दिया। कर्नलगंज पुलिस ने पूर्व सांसद को जेल भेजने से पहले उसका कोरोना टेस्ट कराया।

एमपी/एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह को जेल भेजने के आदेश दिया। अब इस मामले में एक अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। लखनऊ में अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपित पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह ने प्रयागराज में आत्मसमर्पण कर दिया। धनंजय सिंह ने प्रयागराज की एमपी/एलएलए कोर्ट में शुक्रवार को दिन में करीब 12 बजे आत्मसमर्पण किया है। जौनपुर में बसपा से सांसद रहे बाहुबली धनंजय सिंह के खिलाफ अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ के विभूति खंड थाना में केस दर्ज है। यूपी एसटीएफ की टीमें लखनऊ, हैदराबाद के अलावा गृह जनपद जौनपुर में भी उनकी तलाश में जुटी थी। अन्य जिलों की पुलिस भी संभावित स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही थी। इसके साथ ही उनकी चल-अचल संपत्ति कुर्क किए जाने की भी प्रक्रिया शुरू की जा रही थी। 

धनंजय ने पहनी थी कश्मीरी टोपी और मुंह पर लगाया था गमछा: जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार को दिन में एमपी/एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचा तो उसने नीली रंग की पैंट और सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी। सिर पर कश्मीरी टोपी थी। मुंह पर गमछा भी था। कचहरी के मुख्य गेट से सीधे एमपी/एमएलए कोर्ट में पहुंच गया। इस दौरान किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। उसके दाहिने तरफ एक और पीछे दो लोग चल रहे थे। कोर्ट के बाहर पहुंचते ही यह तीनों बाहर खड़े हो गए। इसी बीच वहां पूर्व सांसद के अधिवक्ता आ गए। आपस में बातचीत हुई। हत्या के एक अन्य मामले में एक जमानतदार आशुतोष शर्मा ने कोर्ट में अर्जी दी कि वह अपनी जमानत वापस ले रहा है। पूर्व सांसद और आरोपित धनंजय सिंह कोर्ट में आया है, उसे हिरासत में लें। 

दो वाहनों से चार लोगों के साथ समर्पण करने आया था धनंजय: बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार को एमपी, एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने चार पहिया दो वाहनों से पहुंचा था। विकास भवन के पास वाहन से उतरा और चुपचाप अपने तीन साथियों के साथ कचहरी में दाखिल हो गया। सभी लोग गमछे से सिर ढंके हुए थे। ये सभी कचहरी में सीधे एमपी/एमएलए कोर्ट के बाहर पहुंचे। यहां आपस में बातचीत की और फिर अपने अधिवक्ता के साथ धनंजय सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। धनंजय सिंह पर दो दिन पहले ही लखनऊ पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। धनंजय सिंह अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपित है। वह इस मामले में फरार था, लेकिन कोर्ट में उसने इस मामले में आत्मसमर्पण नहीं किया, बल्कि जौनपुर के एक पुराने मामले में उसके जमानतदार ने अपनी जमानत वापस ले ली, जिस पर पूर्व सांसद ने कोर्ट में समर्पण कर दिया।

धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट में खुद ही पेश की अपनी हिस्ट्रीशीट: इसके पूर्व लाकडाउन के दौरान जिले में रंगदारी के लिए नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट के सशर्त जमानत मंजूर किए जाने पर पिछले साल 27 अगस्त को धनंजय सिंह जेल से रिहा हुए थे। लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डाक्टर के रिमांड के दौरान दिए गए बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर धनंजय सिंह को अजीत सिंह हत्याकांड में मुख्य षड्यंत्रकारी बनाया गया है। जमानत अर्जी के साथ धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट में खुद ही अपनी हिस्ट्रीशीट पेश की थी। हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामा में धनंजय ने हवाला दिया कि उनके विरुद्ध कुल 38 केस दर्ज हैं। इनमें से 24 में वह अदालत से बरी हो चुके हैं। एक मुकदमे में वह डिस्चार्ज हैं। चार मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। तीन केस सरकार की तरफ से वापस हो चुके हैं। धनंजय सिंह रारी से 2002 व 2007 में दो बार विधायक व जौनपुर से बसपा से 2009 में सांसद भी थे। 

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