कृषि वैज्ञानिकों की सलाह,मटर की बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई करें Prayagraj News

किसान भाई नई तकनीकी का प्रयोग करते हुए खेती करें रासायनिक खादों से बच्चे उन्होंने बताया कि मटर की बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई करें। फिर 6-7 दिन बाद ओट आने पर हल्की गुड़ाई भी कर दें। इससे खेतों में नमी बनी रहेगी। मटर की फसल अच्छी होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 11:14 AM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 11:14 AM (IST)
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह,मटर की बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई करें Prayagraj News
किसान मटर की बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई करें।

प्रयागराज, जेएनएन। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि आंवला में शूट गाल मेकर कीट से ग्रस्त टहनी को काटकर जला दें। पेड़ों पर डाईमेथोएट दो मिली एवं मैकोंजेब दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

उन्होंने बताया कि किसान भाई नई तकनीकी का प्रयोग करते हुए खेती करें रासायनिक खादों से बच्चे उन्होंने बताया कि मटर की बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई करें। फिर 6-7 दिन बाद ओट आने पर हल्की गुड़ाई भी कर दें। इससे खेतों में नमी बनी रहेगी। मटर की फसल अच्छी होगी। गेहूँ में प्रति हेक्टयर 60 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फास्फेट व 40 किग्रा पोटाश बोवाई के समय प्रयोग करें। यदि खरीफ में खेत परती रहा हो या दलहनी फसल ली गयी हो, तो 60 किग्रा की जगह कुल 50 किग्रा नाइट्रोजन डालना होगा। हाँ, अगर हरी खाद का प्रयोग किया गया है तो केवल 40 किग्रा नाइट्रोजन पर्याप्त होगा। लाही की फसल में पत्तियों को खाने वाली आरा मक्खी और बालदार गिडार का नियंत्रण समय से करें। मसूर की बुवाई 20-25 सेंमी की दूरी पर कतारों में करें। बरसीम की बुवाई के 45 दिनों बाद पहली कटाई करें। आंवला में शूट गाल मेकर कीट से ग्रस्त टहनी को काटकर जला दें एवं पेड़ों पर डाईमेथोएट 2 मिली एवं मैकोंजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे आंवले का उत्पादन बढ़ जाएगा और कीटों का प्रकोप फसल पर कम पड़ेगा।

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