प्रयागराज में दो वर्ष बाद गंगा ने श्री हनुमान को कराया स्‍नान, पूजन-अर्चन के बाद मंदिर का कपाट बंद

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इस अवसर पर कहा कि गंगा जी द्वारा हनुमान जी को स्नान कराना राष्ट्र के लिए शुभ संकेत है। अब जल्द ही कोरोना महामारी का खात्मा होगा। साथ ही देश उन्नति की राह पर आगे बढ़ेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 04:32 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 06:54 PM (IST)
प्रयागराज में दो वर्ष बाद गंगा ने श्री हनुमान को कराया स्‍नान, पूजन-अर्चन के बाद मंदिर का कपाट बंद
त्रिवेणी बांध स्थित ऐतिहासिक लेटे हनुमान मंदिर तक गंगाजल पहुंचा तो इसे शुभ समझा जा रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े (लेटे) हनुमान जी को मां गंगा ने स्नान करा दिया है। गंगा का पानी गुरुवार की दोपहर मंदिर में प्रवेश कर गया। मंदिर के महंत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। इसके साथ मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया। दो साल बाद गंगा जी ने हनुमानजी को स्नान कराया है।

अखाड़ा परिषद अध्‍यक्ष बोले- अब जल्‍द कोरोना महामारी का होगा खात्‍मा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इस अवसर पर कहा कि गंगा जी द्वारा हनुमान जी को स्नान कराना राष्ट्र के लिए शुभ संकेत है। अब जल्द ही कोरोना महामारी का खात्मा होगा। साथ ही देश उन्नति की राह पर आगे बढ़ेगा।

हनुमान जी ने किया गंगा स्नान तो गूंजे जयकारे

त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर का देश ही नहीं विदेशों में भी महत्‍व है। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर श्री हनुमान के चरणों में शीश जरूर नवाते हैं। 12 वर्ष में होने वाले कुंभ मेला, छह वर्ष में होने वाले अर्ध कुंभ और प्रत्‍येक वर्ष माघमेला में आने वाले स्‍नानार्थियों की भीड़ इस मंदिर में सुबह से शाम तक पूजन-अर्चन के लिए जुटती है। वैसे भी वर्ष भर यहां भक्‍त आते रहते हैं। गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे गंगा जल मंदिर में प्रवेश कर गया। इसके बाद लेटे हनुमान जी ने स्नान कर लिया। इस दौरान हर तरफ जयकारे गूंजने लगे। मां गंगा की विशेष आरती-पूजा की गई।

शाम तक मंदिर परिसर में गंगाजल पहुंचने की थी उम्‍मीद

गंगा-यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण गुरुवार सुबह गंगा का जलस्‍तर बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंच गया था। यह संभावना जताई जाने लगी थी कि देर शाम तक गंगाजल मंदिर में प्रवेश कर जाएगा। हालांकि पानी का वेग अधिक होने के कारण दोपहर करीब एक बजे पानी आगे बढ़ने लगा। यह देखकर विशेष आरती-पूजा मंदिर के पुजारियों द्वारा शुरू की गई। जैसे ही सीढ़ियों से मां गंगा ने गर्भगृह में प्रवेश किया हर तरफ जयकारे गूंजने लगे। मां गंगा की जय, बजरंग बली की जय और हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

मान्‍यता कि हनुमान ने किया गंगा स्‍नान तो नहीं आएगी प्राकृतिक आपदा

हनुमान मंदिर के दरबार में गंगाजल के प्रवेश करने के बाद प्रतिमा के ऊपर सफेद चादर बिछा दी गई। बाढ़ रहने तक बड़े हनुमान मंदिर में पूजन-अर्चन का क्रम बंद रहेगा। मान्यता है कि मां गंगा जब भी लेटे हनुमान जी को स्नान करती हैं, तब उसे मंगलकारी माना जाता है। मान्‍यता है कि उस वर्ष यहां कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आती है।

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