T-20 World Cup: टी-20 वर्ल्डकप में सट्टेबाजी ने पकड़ा जोर, हर गेंद पर लग रहा दांव

अधिकांश सटोरिए मोबाइल पर इंटरनेट की मदद से मैच और सेशन पर लाखों का दांव लगा रहे हैं। खाई और लगाई के नाम से सट्टा खेला जा रहा है। मैच का भाव भी आनलाइन बताकर उनसे पैसा आनलाइन ट्रांसफर कराया जा रहा है ताकि पुलिस की गिरफ्त से बच सकें।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 09:09 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 09:09 AM (IST)
T-20 World Cup: टी-20 वर्ल्डकप में सट्टेबाजी ने पकड़ा जोर, हर गेंद पर लग रहा दांव
शहर से लेकर कस्बे तक सटोरिए हुए सक्रिय, इंटरनेट मीडिया के जरिए फंसा रहे युवकों को

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। टी-20 वर्ल्डकप शुरू होते ही एक बार फिर सटोरिए सट्टे के मैदान में उतर आए हैं। शहर से लेकर कस्बे तक रोजाना करोड़ों रुपये का सट्टा लगाया जाने लगा है। कहीं आनलाइन तो कहीं आफलाइन हर गेंद पर दांव लग रहा है। इसकी भनक लगते ही पुलिस भी सक्रिय हो गई है और सटोरियों की तलाश तेज कर दी है। पुराने सट्टेबाजों के मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगा दिए गए हैं।

खाई और लगाई कोड वर्ड से सट्टेबाजी

अभी तक इंडियन प्रीमियर लीग में सट्टेबाज सक्रिय थे तो अब वह वर्ल्डकप के जरिए करोड़ों का दांव लगवा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सट्टा खिलवाने वाले इंटरनेट मीडिया के जरिए नए-नए युवाओं को अपने झांसे में फंसा रहे हैं। इसके लिए वह तरह-तरह का प्रलोभन देकर काला कारोबार में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे हैं। अधिकांश सटोरिए मोबाइल पर इंटरनेट की मदद से मैच और सेशन पर लाखों का दांव लगा रहे हैं। खाई और लगाई के नाम से सट्टा खेला जा रहा है। मैच का भाव भी आनलाइन बताकर उनसे पैसा भी आनलाइन ट्रांसफर कराया जा रहा है, ताकि पुलिस की गिरफ्त से बच सकें।

क्रिकेट लाइन एप का करते हैं इस्तेमाल

पुलिस सूत्रों का दावा है कि सट्टा के माहिर बुकी क्रिकेट लाइन के कई मोबाइल एप हैं, जिनका इस्तेमाल करते हैं। नए सदस्यों को जोडऩे के लिए वाट्सएप पर ग्रुप भी बना रखे हैं, जिसके जरिए संदेश भिजवाया जाता है कि आज इस ग्रुप में खेलने से इतने का फायदा हुआ है। कहा तो यह भी जा रहा है कि एसओजी और सर्विलांस टीम के कुछ पुलिसकर्मियों का कई सटोरियों से भी कनेक्शन है।

बदलते रहते हैं अपना ठिकाना

बताया जाता है कि सटोरिए अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। कुछ सट्टेबाज होटल के कमरे बुक कर रहे हैं तो कुछ किराए पर कमरा लेकर दांव लगवाते हैं। जबकि कुछ सुरक्षित स्थान के रूप में गंगा का कछारी क्षेत्र और नाव का भी इस्तेमाल करते हैं। कुछ माह पहले पुलिस ने धूमनगंज, अतरसुइया, करेली समेत कई स्थान से गिरफ्तार कर जुआरी, सटोरियों को जेल भेजा था, मगर वह जमानत पर बाहर आते ही खेल शुरू करवा दिए हैं।

एसपी क्राइम का है यह कहना

सट्टेबाजों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं। सट्टा खेलने वाले पुराने लोगों की गतिविधि पर भी नजर रखी जा रही है।

- आशुतोष मिश्रा, एसपी क्राइम

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