जेब पर चोट : थोक के बाद अब अरहर की दाल का फुटकर रेट भी बढ़ा, जानें प्रयागराज में दाल के भाव

प्रयागराज में इन दिनों अरहर की दाल का दाम उतार-चढ़ाव भरा है। 100 रुपये किलो से अरहर की दाल की कीमत अब बाजार में 10 रुपये और बढ़ गई है। थोक रेट इसका पहले ही पांच रुपये बढ़ गया था। इससे आम नागरिक परेशान है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 09:45 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 01:54 PM (IST)
जेब पर चोट : थोक के बाद अब अरहर की दाल का फुटकर रेट भी बढ़ा, जानें प्रयागराज में दाल के भाव
प्रयागराज में अरहर की दाल के फुटकर रेट में भी वृद्धि हो गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। इन दिनों खाने का टेस्‍ट कुछ कम हो गया है। ऐसा इसलिए कि अरहर की दाल का भाव चढ़ गया है। अभी तो अरहर की दाल का थोक भाव बढ़ा था लेकिन इसका असर अब फुटकर पर भी पड़ने लगा है। फुटकर रेट में अरहर की दाल 10 रुपये बढ़ गई है। थोक कीमत में पांच रुपये की वृद्धि हुई थी। इससे रसोई का स्‍वाद कम तो हुआ ही है, लोगों की जेब भी अधिक ढीली हो रही है।

पिछले करीब एक पखवाड़े भर से दाल के रेट में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। सौ रुपये किलों से अरहर दाल की कीमत पांच रुपये बढ़कर 105 रुपये पहुंच गई है। अब प्रयागराज में 10 रुपये और फुटकर रेट बढ़ गया है। वहीं पखवाड़े भर पहले अरहर की दाल थोक में 125 रुपये किलो तक पहुंच गई थी। बाद में रेट घटकर 110 और फिर 100 रुपये किलो तक आ गया। वहीं सोमवार से रेट में पांच रुपये की फिर से बढ़ोतरी हुई। इससे फुटकर रेट भी आज बढ़ गया। यानी अब एक किलो अरहर की दाल 110 रुपये में मिलेगी।

खाद्य सामग्री         कीमत पूर्व        मौजूदा रेट

अरहर की दाल           100                115

चना की दाल               65                  65

मटर की दाल              72                   72

(कीमत - रुपये प्रति किलो में)

सटोरियों ने अरहर की दाल की जमाखोरी की थी : सतीश केसरवानी

प्रयागराज में मुट्ठीगंज गल्ला मंडी दाल का प्रमुख बाजार है। यहां महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से दाल मंगाई जाती है। अरहर की दाल की कीमत बढ़ने से लोगों की जेब अधिक ढीली हो रही है। वहीं किचन का बजट भी बढ़ गया है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी ने बताया कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में सटोरियों ने अरहर की दाल की जमाखोरी कर ली थी, जिसकी वजह से रेट 125 रुपये किलो पहुंच गया था। कहा जा रहा है कि राजीनीतिक दांवपेच के कारण दाल की कीमत में उतार-चढ़ाव हो रहा है। चना और मटर की दालों के अलावा आटा, मैदा, सूजी, तेल एवं फार्चून की कीमतें यथावत हैं।

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