महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद मठ और मंदिर की व्‍यवस्‍था में बदलाव की बयार, जानें क्‍या हो रहा बदलाव

भविष्य में किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए उसके लिए जेल में बंद महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि व लेटे हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी के करीबी लोग चिह्नित किए जा रहे हैं। सबकी कार्यप्रणाली पर पैनी नजर रखी जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:02 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:02 AM (IST)
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद मठ और मंदिर की व्‍यवस्‍था में बदलाव की बयार, जानें क्‍या हो रहा बदलाव
बलवीर गिरि के करीबियों का श्रीमठ बाघम्‍बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर में दखल बढ़ रहा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद व्‍यवस्‍थाएं भी बदलने लगी हैं। प्रयागराज में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी, लेटे हनुमान मंदिर सहित मठ से जुड़े समस्त आश्रम, विद्यालय व मंदिरों की व्यवस्था बदलने की कवायद जोरशोर से चल रही है। मठ का महंत बनने के बाद बलवीर गिरि सारी व्यवस्था की कमान जल्द संभाल लेंगे। इसके लिए हरिद्वार से आए उनके दर्जनभर करीबी महात्मा सक्रिय हैं। वो हर काम में दखल दे रहे हैं, उन्हीं का आदेश सर्वोपरि माना जाता है।

आनंद गिरि व आद्या तिवारी के करीबी किए जा रहे चिह्नित

भविष्य में किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए उसके लिए जेल में बंद नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि व लेटे हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी के करीबी लोग चिह्नित किए जा रहे हैं। सबकी कार्यप्रणाली पर पैनी नजर रखी जा रही है। ऐसे लोगों को बाहर करके नए सिरे से सबको जिम्मेदारी दी जाएगी। अहम जिम्मेदारी बलवीर गिरि से जुड़े महात्माओं के हाथ में होगी।

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्‍ध मौत हुई थी

श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को संदिग्ध अवस्था में फांसी लगा लिया था। नरेंद्र गिरि की शोडषी पर पांच अक्टूबर को बलवीर गिरि का मठ के महंत के रूप में पट्टाभिषेक किया गया। इसके बाद बलवीर व उनके करीबी महात्मा सारी व्यवस्था अपने हाथ में लेने में जुट गए हैं। मठ व मंदिर से आनंद गिरि की फोटो हटा दी गई। अब उनके करीबी लोग चिह्नित किए जा रहे हैं।

कुछ लोग अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं

बदली परिस्थिति में जो लोग पहले महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते थे वो खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें कोई जिम्मेदारी मिलेगी या नहीं? उसको लेकर संशय की स्थिति में हैं। वैसे बलवीर गिरि कह चुके हैं कि गुरु की मंशा के अनुसार समस्त कार्य किए जाएंगे, किसी की उपेक्षा नहीं होगी, लेकिन उनके करीबियों के बढ़ते दखल से हर को सशंकित है।

नरेंद्र गिरि की आत्महत्या अकल्पनीय : हरि गिरि

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि के आह्वान पर जूना अखाड़ा के समस्त आश्रम, मंदिरों में ब्रह्मलीन नरेंद्र गिरि की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान हुआ था। हरि गिरि ने कहा है कि नरेंद्र गिरि की आत्महत्या अकल्पनीय है। वो दिलेर व प्रभावशाली व्यक्ति थे। आत्महत्या जैसा कायराना काम वो नहीं कर सकते। फिलहाल घटना की जांच चल रही है, उम्मीद है कि सच्चाई जल्द सामने आएगी। मां भगवती से कामना की गई है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और निर्देशों का कोई अहित न होने पाए।

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