आखिरकार बंद कर दी गई बीपीसीएल, देश के साथ विदेश में भी बढ़ाया था प्रयागराज का गौरव

पिछले 12 दिसंबर को कैबिनेट सचिव की मीटिंग में इसे बंद करने का निर्णय लिया गया था। क्लोजर के लिए आवश्यक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गई थी जिसके तहत कर्मचारियों के फार्म भरवाए गए थे। धीरे धीरे कर्मचारियों को सेवानिवृत्त दिया जाने लगा था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:10 AM (IST)
आखिरकार बंद कर दी गई बीपीसीएल, देश के साथ विदेश में भी बढ़ाया था प्रयागराज का गौरव
कंपनी को सील कर चाभी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंप दिया गया है

प्रयागराज, जेएनएन।  भारत पंप एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) कंपनी को शनिवार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। कंपनी के प्रबंध तंत्र समेत बचे 28 कर्मचारियों को सेवानिवृत्त कर दिया गया। साथ ही कंपनी की रखरखाव की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) को सौंप दिया गया। देश विदेश में प्रयागराज का गौरव बढ़ाने वाली कंपनी के पास वर्क आर्डर होने के बावजूद उससे बंद कर दिया गया है। हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उसे ढाई हजार सिलेंडर बनाने का आर्डर दिया गया था।

मंत्रियों के आश्वासन के बाद भी लग गया ताला

वर्ष 1969 में स्थापित इस कंपनी में समुद्र से तेल निकालने वाली कंप्रेसर पंप, ऑक्सीजन पंप, सीएनजी पंप बनाए जाने का काम होता था। इसमें करीब 2000 कर्मचारियों को रोजगार दिया गया था। पिछले 12 दिसंबर को कैबिनेट सचिव की मीटिंग में इसे बंद करने का निर्णय लिया गया था। क्लोजर के लिए आवश्यक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गई थी, जिसके तहत कर्मचारियों के फार्म भरवाए गए थे। धीरे धीरे कर्मचारियों को सेवानिवृत्त दिया जाने लगा था। इसी बीच 22 अप्रैल को शाहपुर से  कंपनी को ढाई हजार ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने का ऑर्डर दिया गया था, जिससे कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। आर्डर मिलने के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह समेत कई राजनेताओं ने कंपनी को किसी भी हालत में बंद नहीं होने का आश्वासन कर्मचारियों को दिया था।

शेष 28 कर्मचारियों को दे दी गई सेवानिवृति फिर लगा ताला

बावजूद इसके शनिवार को दोपहर 2:00 बजे शेष 28 कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति दे दी गई। इसके साथ ही प्रोडक्शन विभाग, प्रशासनिक भवन समेत सभी विभागों में ताला लगा दिया गया। विभागों को सील कर उसकी चाभी सहायक कमांडेंट लक्ष्मी कांत शुक्ला की गैरमौजूदगी मेंं इंस्पेक्टर प्रकाश पाठक  को सौंप दिया गया। इस तरह से कंपनी में ताला लगने से रोजगार तो कम हुआ ही है, कंपनी के कर्मचारी भी खासे दुखी हैं।

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