कोरोनाकाल में 84 फीसद अभ्यर्थियों ने दी बीएड प्रवेश परीक्षा
लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से रविवार को आयोजित संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 84 फीसद अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। परीक्षा दो पालियों में हुई।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से रविवार को आयोजित संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थियों का उत्साह सभी केंद्रों पर नजर आया। पहली पाली में 84 और दूसरी पाली में 84.5 फीसद अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
बीएड प्रवेश परीक्षा के नोडल अफसर और प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार शेषनाथ पाडेय ने बताया कि प्रयागराज में कुल 74 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। इसमें 25366 अभ्यíथयों को हिस्सा लेना था। पहली पाली में 21391 ने परीक्षा में हिस्सा लिया जबकि, 3975 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। इस तरह पहली पाली में अभ्यíथयों की उपस्थिति 84 फीसद रही। दूसरी पाली में कुल 21396 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए और 3970 ने परीक्षा छोड़ दी। तेज बुखार से पीड़ित तीन छात्रों ने दी परीक्षा
रजिस्ट्रार शेषनाथ पाडेय ने बताया कि प्रयागराज में दो केंद्रों पर तीन अभ्यíथयों को तेज बुखार था। ऐसे में गाइडलाइन के अनुपालन में तीनों अभ्यíथयों को अलग कमरे में बैठाकर उनकी परीक्षा ली गई। हमीदिया कॉलेज में दो और आर्य कन्या में एक अभ्यर्थी को बुखार होने की जानकारी मिली थी। हिंदी में सवाल के दोहराव और तर्कशास्त्र ने उलझाया जागरण संवाददाता, प्रयागराज : उत्तर प्रदेश संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही ने अभ्यर्थियों को खूब छकाया। तर्कशास्त्र के सवालों ने भी अभ्यíथयों को खूब उलझाया।
दरअसल, बीएड प्रवेश परीक्षा में पहली पाली में अंग्रेजी अथवा हिंदी के 50 सवाल पूछे गए थे। इसके अलावा सामान्य ज्ञान से 50 सवाल थे। हिंदी का पर्चा सामान्य जरूर था, लेकिन बुकलेट सीरीज जे में प्रश्न संख्या 75 और 88 एक ही था। इसमें पूछा गया था कि निम्नलिखित में रूढ़ शब्द कौन सा है। दोनों में विकल्प भी एक थे। अभ्यíथयों ने बताया कि सभी बुकलेट में इस सवाल का दोहराव था। ऐसे में इसका मूल्याकन कैसे होगा, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके बाद दूसरी पाली में विषय से संबंधित 50 सवाल और तर्कशास्त्र के 50 सवाल पूछे गए थे। अभ्यर्थियों की मानें तो तर्कशास्त्र के सवालों ने उन्हें खूब उलझाया। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसके पहले प्रस्तावित परीक्षा का जो पर्चा तैयार किया गया था उससे ही पेपर करवा लिया गया। इसमें कोरोना महामारी से जुड़े एक भी सवाल नहीं पूछे गए।