Health News: दस्तक अभियान में मिले टीबी के 66 मरीज, प्रयागराज में घर-घर से जुटाई जा रही जानकारी

अब तक 66 टीबी के नए मरीज चिह्नित किए गए हैं जिसमें 63 का इलाज शुरू कर दिया गया। वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। टीबी का इलाज समय पर होना जरूरी है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:00 AM (IST)
Health News: दस्तक अभियान में मिले टीबी के 66 मरीज, प्रयागराज में घर-घर से जुटाई जा रही जानकारी
31 जुलाई तक चलाया जा रहा विशेष संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। फाइलेरिया रोग उन्मूलन अभियान के तहत 12 से 26 जुलाई तक चलाए जा रहे दस्तक कार्यक्रम में क्षय रोगियों (टीबी) की भी पहचान की जा रही है। अब तक 66 टीबी के नए मरीज चिह्नित किए गए हैं जिसमें 63 का इलाज शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। टीबी का रोग समय से पहचाकर इलाज नहीं शुरू कराने पर जानलेवा साबित होता है। लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाई जा रही है। लोगों को आगाह किया जा रहा है कि खांसी होने पर जांच कराएं और अगर टीबी हो गई तो दवाएं समय पर नियमित रूप से खाते रहें।

घर-घर जाकर बातचीत कर रही टीम

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एके तिवारी ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम एक से 31 जुलाई तक चलाया जा रहा है। दस्तक कार्यक्रम इसी का हिस्सा है। बताया कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए कार्यकर्ता घर-घर जाकर बातचीत के आधार पर क्षय रोगियों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। पोषण योजना के तहत मरीजों को पौष्टिक खानपान के लिए इलाज के दौरान प्रतिमाह पांच सौ रुपये बैंक खाते में दिए जाने का प्रविधान है।

कार्यक्रम समन्वयक धीरेंद्र प्रताप सिंह सिंह ने बताया कि अब तक 453 टीबी संभावित लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें 376 के बलगम जांच के लिए भेजे गए हैं। पाजिटिव पाए गए 66 मरीजों में से 63 का इलाज शुरू कर दिया गया है।

क्षय रोग के लक्षण

- दो सप्ताह या इससे अधिक समय तक खांसी आना

- खांसी के साथ बलगम आना और बलगम में कभी-कभी खून आना

- सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना

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