स्‍कूल छोड़ चुके 6 से 14 वर्ष के बच्‍चे भी योग्‍यता करेंगे हासिल, जानें शासन की योजना

ड्रापआउट बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना है। यूपी सरकार की यह योजना 6 से 14 वर्ष तक के ऐसे बच्‍चों के लिए है जो स्‍कूल छोड़ चुके हैं। इसके तहत 25 से 27 अक्टूबर के बीच प्रत्येक विकास खंड से दो एकेडमिक रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षित होंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:47 AM (IST)
स्‍कूल छोड़ चुके 6 से 14 वर्ष के बच्‍चे भी योग्‍यता करेंगे हासिल, जानें शासन की योजना
उत्‍तर प्रदेश की सरकार छह से 14 साल के बच्चों को दोबारा स्कूल तक ले जाने की कोशिश है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। छह से 14 साल के ऐसे बच्चे जो स्कूल छोड़ चुके हैं, उन्हें दोबारा विद्यालय में पंजीकृत करने के लिए शारदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के जरिए स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों की योग्यता के स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। शासन की मंशा है कि यह बच्चे भी अन्य विद्यार्थियों के बराबर योग्यता हासिल करें और आगे भी पढ़ाई जारी रखे। इन बच्चों का प्रवेश उनकी आयु वर्ग के अनुसार सुसंगत कक्षाओं में किया जाता है।

शासन से साढ़ 21 करोड़ का बजट जारी : बीएसए

बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश भर में चलेगा। इसके लिए शासन से कुल 21 करोड़ 30 लाख 38 हजार 340 रुपये का बजट जारी हो चुका है। सभी विद्यार्थियों का प्रशिक्षण उन्हीं विद्यालयों में होगा जहां उनका दाखिला है। यह भी कोशिश होगी कि प्रशिक्षण स्कूल के समय में ही पूरा किया जाए।

25 से 27 अक्‍टूबर तक प्रत्‍येश विकास खंड में रिसोर्स पर्सन का होगा प्रशिक्षण

इससे पहले 25 से 27 अक्टूबर के बीच प्रत्येक विकास खंड से दो एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण राज्य स्तरीय प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर देंगे। जनपद स्तर पर प्रशिक्षित एआरपी विकास खंड में विशेष प्रशिक्षण के लिए विद्यालयों में नामित नोडल अध्यापकों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे पहले एआरपी का प्रशिक्षण जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा मम्फोर्डगंज के सभागार में होगा।

बच्चों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन होगा

ड्रापआउट बच्चों के प्रशिक्षण के दौरान उनके शैक्षिक स्तर का भी मूल्यांकन किया जाएगा। उसके अनुसार सुसंगत कक्षाओं में उन्हें शामिल किया जाएगा जिससे वह मुख्य धारा से जुड़ सकें। एसएमसी के सदस्यों को भी इस प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी जाएगी। ड्रापआउट बच्चे नियमित रूप से स्कूल आएं इसके लिए उनका सहयोग लिया जाएगा। बीएसए इस पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण और अनुश्रवण करेंगे।

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