Fraud: ​प्रतापगढ़ में​ ​​​राशन कार्ड के 37 हजार सदस्य दूसरे राज्यों में ले रहे राशन

जनपद में पौने छह लाख कार्डधारक हैं। इसमें अंत्योदय के करीब 70 हजार और बाकी के बचे पात्र गृहस्थी के कार्डधारक हैं। जनपद में राशन कार्ड के 37 हजार 715 ऐसे सदस्य हैं जो गैर प्रांतों में भी राशन ले रहे थे। खाद्य विभाग से मिला आंकड़ा चौकाने वाला था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:24 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:24 PM (IST)
Fraud: ​प्रतापगढ़ में​ ​​​राशन कार्ड के 37 हजार सदस्य दूसरे राज्यों में ले रहे राशन
साफ्टवेयर के जरिए पकड़ में आया फर्जीवाड़ा, खाद्य आयुक्त की रिपोर्ट आने से खलबली

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। राशन कार्ड में शामिल परिवार के सदस्य खाद्य विभाग से हर माह हजारों क्विंंटल राशन फर्जी तरीके से ले रहे थे। यह राशन कार्ड में शामिल यह ऐसे सदस्य थे जो प्रतापगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली व उत्तराखंड, बिहार में भी हर माह राशन लेते थे। साफ्टवेयर के जरिए यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। खाद्य विभाग के आयुक्त की रिपोर्ट आने से अफसरों में खलबली मची हुई है।

खाद्य विभाग से मिला आंकड़ा चौकाने वाला

प्रतापगढ़ जिले में 17 ब्लाक हैं। इसके अंतर्गत एक हजार 300 से अधिक कोटेदार हैं। जनपद में पौने छह लाख कार्डधारक हैं। इसमें अंत्योदय के करीब 70 हजार और बाकी के बचे पात्र गृहस्थी के कार्डधारक हैं। जनपद में राशन कार्ड के 37 हजार 715 ऐसे सदस्य हैं जो गैर प्रांतों में भी राशन ले रहे थे। खाद्य विभाग से मिला आंकड़ा चौकाने वाला था। इसमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में 20 हजार सदस्य थे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 10, बिहार के 92, चंडीगढ़ के एक हजार 86, छत्तीसगढ़ के 304, दमन एंड द्वीव के एक, दिल्ली के सात हजार 732, गोवा के छह, गुजरात के एक हजार 631 सदस्य पकड़ में आए हैं। इसी तरह हरियाणा के दो हजार 116, हिमांचल प्रदेश के चार, जम्मू कश्मीर के आठ, झारखंड के 133, कोलकाता के 50, मध्य प्रदेश के 877, महाराष्ट्र के 19 हजार 993, मेघालय के एक, ओडिसा के 39, पंजाब के तीन हजार तीन, राजस्थान के 191, तमिलनाडु के 11, तेलंगाना के 43, त्रिपुरा के दो, उत्तराखंड के 181 व पश्चिम बंगाल के 189 सदस्य प्रतापगढ़ जिले के हैं। जो इन राज्यों में रहकर राशन ले रहे थे।

कार्ड से कटेगा नाम

इन सभी सदस्यों का नाम जिले में बने राशन कार्ड से कटेगा। गैर प्रांतों में बने कार्ड में इनका नाम नहीं काटा जाएगा। यह लोग वहां से राशन ले सकते हैं।

एक यूनिट पर पांच किलो राशन

अंत्योदय कार्ड पर 35 किलो राशन मिलता है। जबकि पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को एक यूनिट पर पांच किलो के हिसाब से राशन मिलता है। कोरोना काल से माह भर में दो बार राशन का वितरण होने लगा। इसमें पहली शिफ्ट में पांच से 15 तारीख तक और दूसरी शिफ्ट में इसके बाद से वितरण शुरू होता है।

एक लाख कुंतल से अधिक का फर्जीवाड़ा

खाद्य विभाग के अनुसार अगर एक सदस्य को पांच किलो राशन मिलता था तो मिले सदस्यों की संख्या के अनुसार हर माह एक लाख 88 हजार किलो से अधिक राशन सदस्य हर माह हजम कर रहे थे।

डीएसओ का है कहना

राशन कार्ड में शामिल 37 हजार 715 ऐसे सदस्य मिले हैं जिनका गैर प्रांतों के राशन कार्ड में नाम दर्ज है। यह दो जगहों से राशन का उठान कर रहे थे। मामले की जांच चल रही है। जल्द ही इन सभी का नाम जिले में बने राशन कार्ड से काटा जाएगा।

-रीना कुमारी, डीएसओ

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