35वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन : सेना के राहुल कुमार पाल व बंगाल की श्यामली सिंह ने बाजी मारी Prayagraj News

42.195 किलोमीटर की 35वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन आनंद भवन से शुरू हुई। इसमें देश भर के धावक दौड़े। चार किलोमीटर की क्रास कंट्री रेस भी हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 07:33 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 07:48 PM (IST)
35वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन : सेना के राहुल कुमार पाल व बंगाल की श्यामली सिंह ने बाजी मारी Prayagraj News
35वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन : सेना के राहुल कुमार पाल व बंगाल की श्यामली सिंह ने बाजी मारी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। 35वीं अखिल भारतीय इंदिरा गांधी प्राइजमनी मैराथन के पुरुष वर्ग में अमेठी के राहुल कुमार पॉल और महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल की श्यामली सिंह ने जीत लिया है। प्रयागराज की नीता पटेल महिला वर्ग में दूसरे व हरियाणा की अनिता सिंह तीसरे स्थान पर रहीं। राहुल ने मैराथन को 2:28:36 सेकेंड में मैराथन जीती। यानी दो घंटा, 28 मिनट और 36 सेकेंड में 42.195 किलोमीटर की दौड़ पूरी की ली। वहीं गाजीपुर के हरेंद्र चौहान दूसरे स्‍थान पर और आर्मी पुणे के हेतराम को तीसरा स्‍थान मिला है।

दूसरे स्थान पर काबिज गाजीपुर के हरेंद्र चौहान मैराथन में सबसे कम उम्र के धावक

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मतिथि पर आज हो रहे इंदिरा मैराथन में आर्मी के एथलीट राहुल कुमार पाल ने पहले स्थान पर रहे। उन्होंने 2 घंटा 28 मिनट 36 सेकंड मे 42.195 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर ली। यह अमेठी के पूरे शुक्ला गांव के रहने वाले हैं। दूसरे स्थान पर गाजीपुर के हरेंद्र चौहान रहे। मैराथन में यह सबसे कम उम्र के एथलीट हैं। तीसरे स्थान पर सेना के ही एथलीट हेतराम रहे। हेतराम हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं।  वहीं महिला वर्ग में पहले स्थान पर पश्चिम बंगाल केरानीगंज की श्यामली सिंह रही। यह पिछली बार दूसरे स्थान पर थी। वहीं दूसरे स्‍थान पर काबिज रहीं नीता पटेल प्रयागराज के मऊआइमा स्थित सरायकेशव उर्फ बागी की निवासी हैं।

ऐन वक्‍त पर अमेठी के राहुल कुमार पाल ने सबको पीछे छोड़ा

सीएमपी डिग्री कॉलेज यानी मैराथन समाप्‍त होने के करीब दो किमी पहले तक आर्मी पुणे के हेतराम सबसे आगे चल रहे हैं। दूसरे पर अमेठी के राहुल कुमार पाल और तीसरे पर गाजीपुर के हरेंद्र चौहान थे। हालांकि इसके बाद अमेठी के राहुल कुमार पॉल हनुमान मंदिर (मैराथन समाप्‍त होने से करीब 400 मीटर दूर) तक आगे हो चुके थे। और उनके पीछे गाजीपुर के हरेंद्र और सबसे पीछे सेना पुणे के हेतराम तीसरे स्‍थान पर पहुंच चुके थे। इंदिरा मैराथन के रास्‍तों पर फूलों से वर्षा की गई।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की जन्मतिथि पर आज यानी मंगलवार को 35वीं मैराथन शुरू हुई। सुबह साढ़े छह बजे प्रदेश सरकार के खेलमंत्री उपेंद्र तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर मैराथन का शुभारंभ किया। 222 पुरुष और 41 महिला धावक निर्धारित रूट पर दौड़ रहे हैं। इस बार इंदिरा मैराथन की थीम 'रन फॉर ग्रीन प्रयाग' है।

चार किमी दौड़ में संगिनी प्रथम

इंदिरा मैराथन में महिलाओं की चार किमी की दौड़ में रेलवे मुख्‍यालय में ओएस के पद पर तैनात संगिनी देवी प्रथम स्‍थान पर काबिज हुई हैं। वहीं द्वितीय स्‍थान पर अर्चना चाहेल हैं। वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डिजिटल एजूकेशन विभाग में शिक्षिका हैं। तृतीय स्‍थान पर डॉक्‍टर रितु जैन हैं, जो बाल रोग विशेषज्ञ हैं।

खेल विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरा मैराथन का आयोजन बीते 35 वर्ष से हो रहा है। यह सबसे पुरानी मैराथन है। 42.195 किलोमीटर की मैराथन के साथ ही आठ किलोमीटर और चार किलोमीटर की क्रॉस कंट्री रेस भी हुई।

इंदिरा मैराथन की इस बार थीम 'रन फॉर ग्रीन प्रयाग'

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मतिथि पर आयोजित होने वाली मैराथन में इस बार 'रन फॉर ग्रीन प्रयाग' थीम भी दी गई है। पहली बार इंदिरा मैराथन को कोई थीम दी गई है। मैराथन में भाग लेने लिए शाम तक 244 पुरुष और 50 महिला एथलीटों ने इंट्री कराई । मैराथन के साथ होने वाली क्रास कंट्री बालक वर्ग में 4505 और बालिका वर्ग में 1532 धावकों ने इंट्री कराई है। वहीं क्रास कंट्री रेस 45 साल से अधिक आयु (पुरुष वर्ग में) 55 और चार किलोमीटर की 45 साल से अधिक आयु वाली महिला वर्ग में 29 एथलीटों के भाग लेंगे।

 आनंद भवन से शुरू हुई मैराथन 

सुबह साढ़े छह बजे आनंद भवन से इंदिरा मैराथन शुरू हुई। धावक वहां से प्रयाग स्टेशन, तेलियरगंज, म्योराबाद, म्योहाल, धोबीघाट चौराहा, थार्नहिल रोड, हाईकोर्ट, सिविल लाइंस, बैरहना, नया यमुना ब्रिज, महेवा, अरैल से होते हुए वापस इसी रूट से मदन मोहन मालवीय स्टेडियम पहुंचकर समाप्‍त हुई।

गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा

इंदिरा मैराथन रूट पर कुछ धावकों ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि कुछ धावक निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। आरोप है कि क्रॉस कंट्री दौड़ के विजेता को बाइक से बीच में पहुंचाया गया है। एक वकील की अगुवाई में क्रॉस कंट्री के प्रतिभागी नारेबाजी करते हुए जिला कचहरी की तरफ गए।

दो धावकों को आई मोच

मैराथन रूट पर मेरठ के दो धावकों के कूल्हे में मोच आ गई। 25 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इन धावकों को पैदल चलना पड़ा। इस दौरान आगरा के खिलाड़ी भीम यादव मैं दौड़ने के लिए जूते उतार दिए। उन्‍होंने बताया कि जूते से दिक्कत हो रही है। इसके बाद वह बिना जूते के दौड़ते रहे।

 मैराथन रूट पर चुस्‍त-दुरुस्‍त व्‍यवस्‍था

मैराथन रूट पर खेल विभाग के अलावा एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया, यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन, जिला प्रशासन, पुलिस, यातायात, स्कूल-कालेज, एनसीसी, आइटीबीपी, आरएएफ की टीमें तैनात है। रात भर में पूरे रूट को सजा दिया गया है। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एथलीटों का स्वागत किया । क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि मैराथन और क्रास कंट्री के विजेताओं को खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी पुरस्कृत किया।

स्‍कूल-कॉलेज जाने वाले बच्‍चों को दिक्‍कत

इंदिरा मैराथन रूट पर कई स्‍कूल और कॉलेज स्थित हैं। वहीं मैराथन वाले रूट से होकर कई बच्‍चे स्‍कूल-कॉलेज जाते हैं। भले ही कई स्‍कूलों में अवकाश कर दिया गया है लेकिन कई बच्‍चों के इम्‍तहान चल रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों के साथ या फिर साइकिल आदि से बच्‍चे स्‍कूल जाते दिखे। जगह-जगह बैरिकेडिंग की वजह से बच्‍चों को परेशान भी होना पड़ा। हालांकि धावकों के आवाजाही के बीच ट्रैफिक कंट्रोल भी दिखा। बीच-बीच में लोगों को जाने दिया जा रहा था।

महिला धावक गश खाकर गिरी

इंदिरा मैराथन में चार किमी की महिलाओं की दौड़ में महिला धावक को दौड़ने के दौरान चक्‍कर आ गया। करीब 70 वर्षीय माला श्रीवास्‍तव भी दौड़ रही थीं। निर्धारित दौड़ पूरा करने के बाद वह गिर गईं। यह देख वहां मौजूद महिला वालंटियरों ने तत्‍काल महिला धावक का प्राथमिक उपचार किया। इसी प्रकार नैनी के नए पुल पर भी एक पुरुष धावक बेहोश होकर गिर गया। धावक को साथ चल रहे मैराथन टीम के लोगों ने तत्‍काल उपचार किया। फिर वाहन में बैठाकर ले गए।

 

मैराथन संपन्‍न कराने में जुटा अमला

मैराथन कराने में कई विभागों का सहयोग रहा । इसके लिए स्कूल कालेजों के शिक्षक, बच्चे बुलाए गए। जगह-जगह पर एनसीसी के कैडेटों ने सहयोग किया। पुलिस और यातायात की टीम तो मैराथन के रास्ते पर है। इसके अलावा आइटीबीपी, आरएएफ और पीएसी की भी टीम सक्रिय रही।

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