प्रयागराज में बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी के चल रहे हैं 181 ईंट भट्ठे
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि जिले भर में 495 ईंट भट्ठे चले रहे हैं। इसमें 314 ही रजिस्टर्ड हैं अर्थात इनको एनओसी मिली है। इसके अलावा 181 बिना एनओसी के ही चल रहे हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। जिले भर की आबोहवा को दूषित कर रहे 181 ईंट भटठे बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी के ही चल रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही से इनको अब तक बंद नहीं कराया गया है। अब नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इनको संज्ञान में लिया है तो अधिकारी सक्रिय हुए हैं। एनजीटी के निर्देश के बाद विभाग ने 54 के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की लेकिन 127 को नोटिस भी नहीं दिया गया है।
एनजीटी ने मामले को संज्ञान में लिया तो जागे अफसर
ईंट भट्ठों से निकलने वाला धुआं वातावरण को भारी नुकसान पहुंचाता है। इससे प्रदूषण कम से कम हो और पेड़-पौधे व जीव-जंतुओं पर दुष्प्रभाव न पड़े। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गाइड लाइन बना रखी है। इसकी चिमनी ऊंची कराने सहित कई तकनीकी बदलाव करने की जरूरत होती है। लेकिन भट्ठा संचालक इससे बचते हैं और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन न करते हुए बिना एनओसी के ही संचालन करते हैं। बिना एनओसी के सालों से भट्ठा संचालन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा है। ऐसे ही हालात प्रदेशभर में हैं। पिछले दिनों एनजीटी ने इसे संज्ञान में लिया तो अधिकारी सक्रिय हुए। अब ऐसे ईंट भट्ठों की लगाम कसी जा रही है, जो बिना एनओसी के ही चल रहे हैं।
जिले में 495 ईंट भटठे, 314 ही रजिस्टर्ड
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि जिले भर में 495 ईंट भट्ठे चले रहे हैं। इसमें 314 ही रजिस्टर्ड हैं अर्थात इनको एनओसी मिली है। इसके अलावा 181 बिना एनओसी के ही चल रहे हैं। इसमें 27 ईंट भट्ठों को बंदी का आदेश जारी किया जा चुका है। आठ भट्ठों के संचालक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है। साथ ही 19 भट्ठों के संचालक के खिलाफ बंदी आदेश मुख्यालय लखनऊ को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही उनको बंद करवा दिया जाएगा।