10 वर्ष पूर्व प्रयागराज की पटाखा फैक्‍ट्री विस्‍फोट को याद कर आज भी सहम जाते हैं लोग, हुई थीं 13 मौतें

12 अक्टूबर 2011 को कस्बे के पुरा मियांजी मोहल्ला स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से निर्माण कार्य में जुटे 13 लोगों की की मौत हुई थी। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पूरी फैक्ट्री की आरसीसी छत व दीवाल जमींदोज हो गई थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:44 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 08:44 AM (IST)
10 वर्ष पूर्व प्रयागराज की पटाखा फैक्‍ट्री विस्‍फोट को याद कर आज भी सहम जाते हैं लोग, हुई थीं 13 मौतें
10 वर्ष पूर्व प्रयागराज के मऊआइमा स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से दहल उठा था कस्बा।

प्रयागराज, [सईद अहमद अंसारी]। यह किसी समय था धमाकेदार पटाखों के लिए प्रदेश में पहचान रखने वाले प्रयागराज के मऊआइमा कस्बे का आतिशबाज मोहल्ला। यहां दशहरा और दीपावली के अवसर पर अब न खरीदारों की भीड़भाड़ और न ही लाल नीली बत्ती लगी गाड़ियों का हुजूम नजर आता है। आज से ठीक 10 वर्ष पूर्व पटाखा कारखाना में हुए भीषण विस्फोट में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत के बाद इस कारोबार का नामोनिशान पूरी तरह मिट गया है।

कस्‍बे का पूरा मोहल्‍ला पटाखा व्‍यवसाय से जुड़ा था

मऊआइमा कस्बा धमाकेदार पटाखों के लिए पूरे सूबे में जाना जाता था। एक वक्त था जब कस्बे का एक पूरा मोहल्ला ही इस व्यवसाय से जुड़ा था। आतिशबाज बस्ती में डेढ़ दर्जन परिवार पटाखा निर्माण से जुड़ कर दशहरा व दीपावली पर्व के लिए दो माह पहले ही तैयारी में जुट जाता था। दीपावली व दशहरा से पूर्व ही जनपद व बाहर के खरीदारों की भीड़ से आतिशबाज मोहल्ले में तिल रखने की जगह नही रहती थी। आम लोगों की भीड़ में लाल नीली बत्ती लगी गाड़ियों से अफसरों के अर्दली व चालक भी सौगात के तौर पर पटाखा लेने पहुंचते थे। हालांकि अब उक्त पूरा मोहल्ला ही वीरान हो चुका है।

वर्ष 2012 में पटाखा फैक्‍ट्री में विस्‍फोट में 13 लोगों की हुई थी मौत

12 अक्टूबर 2011 को कस्बे के पुरा मियांजी मोहल्ला स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में अचानक हुए विस्फोट से निर्माण कार्य में जुटे एक दर्जन लोगों की मौत हुई थी। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पूरी फैक्ट्री की आरसीसी छत व दीवाल जमींदोज हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे में सजनई पत्नी श्रीराम, सितारा बेगम पत्नी मोहर्रम अली, कुसुम पत्नी द्वारिका, गुलशेर पुत्र मोहम्मद अख्तर, आसमा बेगम, बदरुन्निसा, इरफान पुत्र वेदी, राहुल पुत्र द्वारिका सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी।

थानाध्‍यक्ष सस्‍पेंड हुए थे व सात पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ था

इस दिल दहला देने वाले हादसे के बाद वार्ड के सभासद सुहेल नैयर की तहरीर पर पटाखा निर्माण करने वाली बदरुन्निसा पत्नी मोहम्मद सईद व मकान मालिक तैयब हुसैन पुत्र मेंहदी हसन निवासी मोहल्ला पुरामियांजी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए तत्कालीन एसएसपी/डीआइजी राजकुमार ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए थानाध्यक्ष लाला राम वर्मा को सस्पेंड व चौकी के सात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराया। डीएम आलोक कुमार ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद सभी 19 परिवारों का पटाखा निर्माण का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। घटना को याद करके इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों की आज भी रूह कांप जाती है।

मऊआइमा में फिर बन रहा गुपचुप ढंग से पटाखा

मऊआइमा में 10 वर्ष पहले हुए हादसे के बाद प्रशासन द्वारा सभी पटाखा निर्माण करने वाले अतिशबाजों के लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। लोगों का कहना है तब से कस्बे में तो पटाखा निर्माण पूरी तरह समाप्त हो गया है। सूत्रों की मानें तो दीपावली निकट होने से कस्बे के इर्दगिर्द स्थित मऊदोस्तपुर, चौहान के पूरा, किंगरिया का पूरा सहित कई अन्य गांवो में गुपचुप तरीके से पटाखों का निर्माण किया जा रहा है। बताते हैं इससे जुड़े लोग तैयार पटाखों को बोरों व गत्तों में भर कर चार पहिया वाहनों से देर रात प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, भदोही व अन्य जनपदों में आपूर्ति कर रहे हैं।

पुलिस की मौन सहमति से बन रहा पटाखा

सूत्र बताते हैं कि ऐसा नहीं कि मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है लेकिन भारी भरकम रकम के बदले मौन सहमति प्रदान की जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि घरों के भीतर चोरी चुपके बन रहे विस्फोटक गड्डों में यदि कहीं विस्फोस्ट हुआ तो परिवार का परिवार साफ हो जाएगा। इस संबंध में मऊआइमा थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने कहा पटाखा निर्माण की जानकारी उन्हें नहीं है। यदि कहीं शिकायत मिलती है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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