एडीए सीमा के 13 गांव का यमुना विकास प्राधिकरण ने भी कर दिया गजटAligarh News

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने गजब का कारनामा किया है। 2008 से अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) की सीमा में शामिल खैर क्षेत्र के 13 गांव का भी एक साल बाद अपनी सीमा में शामिल करने का गजट जारी कर दिया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 07:57 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 07:57 AM (IST)
एडीए सीमा के 13 गांव का यमुना विकास प्राधिकरण ने भी कर दिया गजटAligarh News
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने गजब का कारनामा किया है।

अलीगढ़़, सुरजीत पुंढीर। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने गजब का कारनामा किया है। 2008 से अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) की सीमा में शामिल खैर क्षेत्र के 13 गांव का भी एक साल बाद अपनी सीमा में शामिल करने का गजट जारी कर दिया। अब महायोजना 2031 के दौरान एडीए को इन ओवरलेप गांव की जानकारी हुई तो अफसरों में खलबली मच गई। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने इन गांव को छोड़ने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण व शासन को पत्र लिखा है।

महायोजना के तहत बनाई रणनीति

2008 से पहले एडीए का जिले में दायरा 4482 वर्ग हेक्टेयर था। इसमें एक नगर निगम, एक नगर पंचायत व 203 गांव शामिल थे। 2001 से 2021 तक की महायोजना भी इसी दायरे के हिसाब से बनाई गई, लेकिन 2008 में एडीए ने नया गजट जारी कर 407 गांवों व तीन नगर पंचायतों को और प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल कर लिया। इसके एक साल बाद यमुना एक्सप्रेस वे औद्याेगिक विकास प्राधिकरण ने भी अपना दायरा बढ़ाया। इसमें खैर क्षेत्र के 13 गांव भी शामिल थे, लेकिन एडीए पहले ही गांव को अपने संशोधित गजट में शामिल कर चुका था।

छिपा रहा मामला : दोनों विकास प्राधिकरणों ने अपना संशोधित गजट जारी कर गांव को छोड़ दिया। 12 साल तक किसी भी प्राधिकरण ने इन ओवरलैप गांव की सुध नहीं ली। अब पिछले दिनों अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने महायोजना 2031 पर काम करना शुरू कर दिया है। इसमें 2008 में शामिल किए गए नए दायरे को भी शामिल किया गया है। ऐसे में खैर क्षेत्र के यह 13 गांव भी शामिल हुए। जब प्राधिकरण ने इन गांव का सर्वे शुरू किया तो जानकारी हुई कि यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण भी इन गांव को गजट जारी हो चुका है। इसके चलते नई महायोजना के कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।

मंडलायुक्त ने लिखा पत्र

मंडलायुक्त गौरव दयाल की तरफ से इसके लिए वहां के अफसरों को एक पत्र लिखा गया है। इसमें इन गांव को एडीए के लिए छोड़ने की मांग की गई है। वहीं, पिछले दिनों यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण की भी एक बैठक हुई। इसमें यहां से सहायक अभियंता वेद प्रकाश सिंह भी शामिल हुए थे। इस बैठक में वहां के बोर्ड ने भी इन गांव को एडीए के लिए छोड़ने पर सहमति दी है। इस पर एडीए अफसरों का तर्क है कि एडीए ने एक साल पहले ही इन गांव का बजट कर दिया था, लेकिन उधर से एक साल बाद गजट हुआ है। ऐसे में यहां के प्राधिकरण की इसमें कोई चूक नहीं हैं।

ये गांव हैं शामिल

राजपुर, नरायनपुर, मोहसिनपुर, पलाविरान, धूमरा, गढ़ीनगला, श्योराम,मथना, मानपुर कलां,निवसानी, मदनपुर, शिवाला, अहरौला, बझेड़ा शामिल हैं।

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