यज्ञ प्रभातफेरी निकली..आहुति के लिए उमड़ पड़े श्रद्धालु Aligarh News
आर्य समाज की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों से यज्ञ प्रभात फेरी निकाली जा रही है जिसमें रथ में रखी गई यज्ञशाला में लोग आहुति डालते हैं। शंखनाद घंटे से पूरा माहौल गूंज उठता है। शहर में तमाम स्थानों पर यह कार्यक्रम आयोजित किए जाने लगे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। पतंजलि परिवार एवं आर्य समाज की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों से यज्ञ प्रभात फेरी निकाली जा रही है, जिसमें रथ में रखी गई यज्ञशाला में लोग आहुति डालते हैं। शंखनाद, घंटे से पूरा माहौल गूंज उठता है। शहर में तमाम स्थानों पर यह कार्यक्रम आयोजित किए जाने लगे हैं।
कोरोना से बचाव के लोग तमाम उपाय ढूंढ रहे हैं। ऐसे समय में पतंजलि परिवार और आर्य समाज यज्ञ प्रभातफेरी निकाल रहा है। रविवार को सुबह सात बजे यज्ञ रथ का शुभारंभ किया गया। सुरेंद्र नगर पानी की टंकी के पास से प्रारंभ होकर यह बेला मार्ग विष्णुपुरी पहुंची। रास्ते में आहुति देने वाले लोगों का तांता लग गया। लोग घरों से निकलकर यज्ञशाला में आहुति दे रहे थे। यज्ञ रथ बेगम बाग, रामघाट रोड, दुबे का पड़ाव, दुबे की सराय, अचल ताल, नौरंगाबाद, ज्वालापुरी होते हुए केशव नगर में पूर्ण हुआ। करीब आठ किमी की यात्रा तय की गई। रथ पर यज्ञ रखा हुआ था। हाथों में भगवा पताका लिए पतंजलि परिवार के सदस्य चल रहे थे। पतंजलि परिवार महिला जिला प्रभारी ज्ञानवती शर्मा सभी से यज्ञ में आहुति देने की अपील कर रही थीं। ज्ञानवती शर्मा ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनि प्राचीन समय में यज्ञ किया करते थे, जिससे बड़े-बड़े असुर भी भयभीत रहते थे। वो यज्ञ विघ्न करने की कोशिश करते थे। इसलिए विश्वामित्र राजा दशरथ से प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को लेकर वन में आए थे। प्रभु ने यज्ञ की रक्षा की और कई राक्षसों का वध किया। चूंकि यज्ञ में इतनी शक्ति होती है कि तमाम नकारत्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं, इसलिए राक्षस यज्ञ को सफल नहीं होने देते थे। इस अभियान में करीब 500 लोग जुड़े।
भारतीय संस्कृति को अपनाना होगा
युवा प्रभारी भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि कोरोना को लेकर बड़े-बड़े वैज्ञानिक और डाक्टर सब शोध कर रहे हैं। मगर, डेढ़ साल का समय व्यतीत हो गया अभी किसी को सफलता नहीं मिली। कोरोना जैसी तमाम बीमारियों से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार भारतीय संस्कृति में है। हमें आहार-विचार सब बदलने होंगे। पाश्चात्य संस्कृति के आकर्षण में हम अपने वैज्ञानिक पर आधारित संस्कृति को भूल रहे है। इसलिए ऐसी बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं और हम इससे निजात नहीं पा रहे है। भूपेंद्र ने दावा किया कि घर-घर यज्ञ होगा तो निश्चित वातावरण में व्याप्त कीटाणु नष्ट होंगे, महामारी को हम सभी परास्त कर सकेंगे। भाई शेर सिंह आर्य ने कहा कि यज्ञ का वैज्ञानिक आधार भी है, इसलिए प्राचीन समय से हमारे देश में यज्ञ होता रहा है। यज्ञ से आत्मिक शक्ति बढ़ती है, आत्मविश्वास बढ़ता है। यज्ञ स्थल के पास यदि आप रहते हैं तो आपके अंदर का रक्त दौड़ने लगता है, जिससे आपके अंदर शक्ति बनी रहती है। भाई भूदेव प्रसाद आर्य ने कहा कि प्राचीन समय में बड़े-बड़े यज्ञ हुआ करते थे। यज्ञ की सफलता के लिए तमाम साधन जुटाए जाते हैं। इससे पता चलता है कि हमारे यहां यज्ञ की कितनी महत्ता थी। हमें घर-घर यज्ञ करना चाहिए। वातावरण में फैले कीटाणु नष्ट हो जाएंगे। सकारत्मक ऊर्जा का संचार होगा। बॉबी शर्मा, माधुरी गुप्ता, उर्मिला देवी, बहन उषा रानी, माधुरी गुप्ता, संजय शर्मा आदि शामिल हुए।