Chaitra Navratri : मां को कन्या मानकर करें पूजन, फलित होगा संकल्प Aligarh news

इस बार भी नवरात्र में कोरोना का कहर है। इसके चलते मंदिरों में खास एहतियात बरता जाए? रहा है। श्रद्धालुओं भी बहुत सावधानी से पूजन-पाठ कर रहे हैं। तमाम श्रद्धालुओं के अंदर अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन को लेकर असमंजसता बनी हुई है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:29 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 07:45 AM (IST)
Chaitra Navratri : मां को कन्या मानकर करें पूजन, फलित होगा संकल्प Aligarh news
मंदिर में मां का भजन कीर्तन करते श्रऋालु।

अलीगढ़, जेएनएन। इस बार भी नवरात्र में कोरोना का कहर है। इसके चलते मंदिरों में खास एहतियात बरता जा रहा है। श्रद्धालुओं भी बहुत सावधानी से पूजन-पाठ कर रहे हैं। तमाम श्रद्धालुओं के अंदर अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन को लेकर असमंजसता बनी हुई है। उनके मन में सवाल उठ रहा है कि कोरोना के इस संकट में कैसे कन्या लांगुरा जिमाए, कैसे पूजन किया जाए? चूंकि विगत वर्षों से पूजन करते आ रहे इसलिए उन्हें वह छोड़ नहीं सकते हैं। ऐसे में तथास्थु ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आचार्य लवकुश शास्त्री का कहना है कि मां भगवती को कन्या मानकर उन्हें हलुआ-चना का प्रसाद अर्पित करें। पूजन और आरती करें। कुछ राशि निकालकर कन्या को दे दें। उसका पूरा फल भक्तों को मिलेगा। कोरोना के चलते घरों पर कन्याओं को बुलाना उचित नहीं रहेगा। 

बड़ी़ संख्‍या में कन्‍या पूजन का आयोजन 

मंगलवार को अष्टमी और बुधवार को नवमी है। इन दोनों तिथियों में बड़ी संख्या में भक्त कन्याओं का पूजन करते हैं। घर पर कन्याओं को आदर-सत्कार के साथ बुलाते हैं और प्रसाद ग्रहण कराते हैं। आचार्य लवकुश शास्त्री का कहना है कि कोरोना में शारीरिक दूरी और निमयों के पालन के निर्देश हैं। इसलिए बच्चों को घर पर बुलाने से बचें। क्योंकि जिस प्रकार से कोरोना फैला हुआ है, उससे हम सभी को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। दोनों तिथियों में पूजन के समय मां भगवती को हलुआ और चना का प्रसाद अपर्ति करें। मन में नौ कन्याओं का ध्यान लगाएं। मां से आशीर्वाद मांगे कि इस संकट को जल्द से जल्द दूर करें। हां, आसपास की कन्याओं काे दक्षिणा जरूर दें। उनसे दूर से ही आशीर्वाद लें। लवकुश शास्त्री ने बताया कि हमारे यहां सूक्ष्म पूजन का विधान है। संकट के समय हम निमित्त मात्र मानकर भी पूजन करते हैं और पूरे फल की प्राप्ति होती है। इसलिए सनातन संस्कृति दुनिया में सबसे श्रेष्ठ संस्कृति है। 

गूंजे जयकारे...मां के द्वारे 

नवरात्र के छठवें दिन कात्यायनी मां का पूजन किया गया। चूंकि रविवार को लाकडाउन था इसलिए भक्त मंदिर नहीं पहुंच पाए थे इसलिए सोमवार को बड़ी संख्या में भक्तों ने माता रानी के दर्शन किए। नौरंगाबाद स्थित नौ देवी मंदिर, गांधीपार्क स्थित चामुंडा देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई थी। मा अंबे की धूप-दीप से आरती की। नारयिल और प्रसाद चढ़ाया। जयकारे से मंदिर गूंज उठे। सासनीगेट और महेंद्र नगर स्थित काली माता के मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। शहर में पथवारी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हाथरस अड्डा स्थित पथवारी मइया के मंदिर में तो सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालु दर्शन को आने लगे थे।

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