जीटी रोड पर काम धीमा, दिसंबर से पहले हाईवे पर फर्राटा नहीं भर सकेंगे वाहन Aligarh news

जीटी रोड (हाईवे) पर फेस वन का काम धीमे होने के चलते समय से पूरा होने की संभावना कम है जबकि फेस-दो में एटा से मैनपुरी तक का काम पूरा हो चुका है। उसपर टोल भी प्रारंभ हो चुका है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:06 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:07 AM (IST)
जीटी रोड पर काम धीमा, दिसंबर से पहले हाईवे पर फर्राटा नहीं भर सकेंगे वाहन Aligarh news
जीटी रोड (हाईवे) पर फेस वन का काम धीमे होने के चलते समय से पूरा होने की संभावना कम है,!

अलीगढ़, जेएनएन।  जीटी रोड (हाईवे) पर फेस वन का काम धीमे होने के चलते समय से पूरा होने की संभावना कम है, जबकि फेस-दो में एटा से मैनपुरी तक का काम पूरा हो चुका है। उसपर टोल भी प्रारंभ हो चुका है। फेस वन कंपनी का काम धीमे होने के चलते देरी हो रही है। इस समय बारिश शुरू हो गई है, जिससे काम भी प्रभावित हाेने लगा है। ऐसे में दिसंबर से पहले हाईवे पर वाहन फर्राटा नहीं भर सकेंगे।

फोरलेन का काम तेजी से चल रहा

जीटी रोड के फोरलेन का काम चल रहा है। बौनेर से लेकर कानपुर (आइआइटी) तक 298 किमी लंबा हाईवे बनना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), अलीगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत तीन फेस में काम हो रहा है। शेष तीन फेस कानपुर क्षेत्र में हो रहा है। पहला फेस बौनेर से लेकर एटा तक है। यह 45 किमी लंबा है। जिसका काम काफी सुस्त चल रहा है। दूसरा फेस एटा से नबी गंज (मैनपुरी) तक है। इसकी भी दूरी 45 किमी है। मगर, इसका निर्माण हो गया है। इसपर टाेल भी चालू हो गया है। फेस तीन नबीगंज (मैनपुरी) से कन्नौज तक है। इसकी दूरी 62 किमी है। इस प्रकार अलीगढ़ क्षेत्र में कुल 152 किमी हाईवे का निर्माण हो रहा है। तीसरे फेस का भी काम तेजी से चल रहा है और दो महीने में पूर्ण होने की संभावना है। इससे एटा से लेकर कन्नौज तक हाईवे की पूर्णत: शुरुआत हो जाएगी, मगर पहले फेस की धीमी गति के चलते लोग हाईवे पर फर्राटा नहीं भर पाएंगे। इसका निर्माण कार्य काफी धीमा चल रहा है और दिसंबर में शुरू होने की संभावना बताई जा रही है।

कानपुर और लखनऊ होगा आसान

जीटी रोड (हाईवे) के फोरलेन निर्माण होने पर कानपुर पहुंचना तो आसान होगा ही लखनऊ की भी दूरी कम हो जाएगी। अभी तक लखनऊ जाने के लिए लोगों को आगरा जाना पड़ता है। यहां से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से लखनऊ पहुंचते हैं। ऐसे में करीब 80 किमी दूरी अनावश्यक रुप से बढ़ जाती है। अलीगढ़-कानपुर हाईवे के बनने से लखनऊ जाने वालों को आगरा नहीं जाना होगा। अलीगढ़ से सीधे कन्नौज पहुंचेेंगे और वहां से सीधे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पहुंच जाएंगे। सबसे अधिक जनप्रतिनिधियों को सुविधा होगी। क्योंकि उन्हें लखनऊ जाने के लिए अभी आगरा होकर जाना पड़ता है।

काम दूरी- लागत

फेस वन-45 किमी-1095

फेस-दो-45 किमी-1032

फेस-तीन-62 किमी-1165

(लागत करोड़ में है)

इनका कहना है

फेस दो का काम पूरा हो गया है। 13 जून से वहां टोल भी प्रारंभ हो गया है। फेस वन का काम कुछ धीमे चल रहा है। पूरी कोशिश की जा रही है कि समय से पूरा करा लिया जाए, जिससे जल्द से जल्द हाईवे को चालू कराया जा सके। इससे लोगों को कानपुर और लखनऊ जाने में सुविधा हो सके।

पीपी सिंह, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआई

chat bot
आपका साथी