Sharad Purnima 2020 : शरद पूर्णिमा पर पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना

शरद पूर्णिमा पर्व शुक्रवार को धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। मां लक्ष्मी और श्री हरि की पूजा की गई। पूर्णिमा के अवसर पर काफी लोगों ने गंगा में स्नान किया। बहनों ने अपने भाइयों की कुशलता के लिए व्रत रखा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:33 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:33 AM (IST)
Sharad Purnima 2020 : शरद पूर्णिमा पर पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना
शरद पूर्णिमा पर्व शुक्रवार को धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया।

अलीगढ़, जेएनएन। शरद पूर्णिमा पर्व शुक्रवार को धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। मां लक्ष्मी और श्री हरि की पूजा की गई। पूर्णिमा के अवसर पर काफी लोगों ने गंगा में स्नान किया। बहनों ने अपने भाइयों की कुशलता के लिए व्रत रखा। शाम को खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे छतों पर रखी गई, सुबह प्रसाद के रुप में उसे ग्रहण करेंगे।

 सुख-समृद्धि की कामना की

शरद पूर्णिमा पर्व माता लक्ष्मी की पूजा से धन में वृद्धि होती है। शुक्रवार को सुबह स्नानादि करके पूजा की तैयारी में लग गए। चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को स्थापित करके सभी ने पूजा की। सुख-समृद्धि की कामना की। बहनों ने भाइयों के लिए दिनभर व्रत रखा। शाम को खीर की तैयारियों में सभी जुट गए। रात आठ बजे खुले आसमान के नीचे मिट्टी के बर्तन, कटोरे आदि में छलनी से ढककर खीर रखी गई। शनिवार को सुबह स्नान करके यह खीर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को अर्पित करने के बाद प्रसाद के रुप में सभी ग्रहण करेंगे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा सोहल कलाओं में होते हैं। अमृत की बारिश होती है। खीर खाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। जयगंज स्थित मंगलेश्वर महादेव मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, श्री गिलहराज मंदिर में पूजा अर्चना की।

कुटुंब के साथ मनाया पर्व

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा पर बड़े आयोजन करता है, मगर इस बार कोरोना काल के चलते कुटुंब के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। महानगर में संघ के स्वयंसेवकों ने पूजन किया। रात में खीर बनाकर छतों पर रखा। भजन-कीर्तन किया।

छप्पन भोग का प्रसाद

द्वारिकाधीश मंदिर में छप्पन भोग के दर्शन किए गए। भजन संध्या में श्रद्धालु भक्ति के रंग में रंग गए। राधा-कृष्ण की सफेद पोशाक में आकर्षक छवि को श्रद्धालु निहारते रहे। पुजारी अरुण पांडेय ने सभी को आशीर्वाद दिया। उषा, साधना, आशा, संगीता, उमा, एकता, कविता, विनीता, मधु आदि थीं। 

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