Ambedkar Jayanti : समरसता का भाव करेंगे पैदा, बस्तियों में जाएंगे Aligarh news
भाजपा भले ही राजनीतिक दल हो मगर अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समरसता और सौहार्द का संदेश देने की पूरी कोशिश करती है। पार्टी ने डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर तय किया है कि बस्तियों में समरसता का संदेश दिया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन : भाजपा भले ही राजनीतिक दल हो मगर अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समरसता और सौहार्द का संदेश देने की पूरी कोशिश करती है। पार्टी ने डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर तय किया है कि बस्तियों में समरसता का संदेश दिया जाएगा। जिससे समाज में समभाव पैदा हो सके। इसलिए बुधवार को आंबेडकर जयंती के मौके पर भाजपाई शहर की बस्तियों में जाएंगे। बस्तियों में गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। संपर्क और संवाद भी किया जाएगा। डा. आंबेडकर के महान कार्याें के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। भाजपा का उद्देश्य है कि बस्तियों के लोगों में मेल-मिलाप से आपसी प्रेम की भावना पैदा होगी।
भाजपा ने सिर्फ राष्ट्रवाद की राजनीति की
जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने कहा कि भाजपा की स्थापना छह अप्रैल 1980 को हुई थी। स्थापना के समय से ही पार्टी समरसता का संदेश दे रही है। तमाम दल आरोप लगाते हैं कि भाजपा की यह चुनावी रणनीति है, मगर उन्हें भाजपा के इतिहास के बारे में नहीं पता है। भाजपा ने सिर्फ राष्ट्रवाद की राजनीति की है। वर्ग, जाति, प्रांत और भाषा की राजनीति तो अन्य दल करते हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इसलिए पार्टी वर्षों से डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर विभिन्न आयोजन करती आ रही है। इस बार समरसता का संदेश देंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार को जिले में गांवों में जिन स्थानों पर डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाएं हैं, वहां पर माल्यार्पण किया जाएगा। गोष्ठी, सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।एडवांस प्लान भाजपा के वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि पहुंचेंगे। सभी डा. भीमराव आंबेडकर के जीवन के बारे में लोगों को जानकारी देंगे। साथ ही बस्तियों के लोगों के साथ बैठक भी करेंगे। ऋषिपाल सिंह ने कहा कि बस्तियों में जाने से प्रेम का भाव पैदा होगा। क्योंकि भाजपा संपूर्ण देश को एकसूत्र में पिराेने की कोशिश सदैव करती रही है। महानगर अध्यक्ष डा. विवेक सारस्वत ने बताया कि शहर में कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है। हम एक हफ्ते का अभियान चलाएंगे। शहर में एक दर्जन से अधिक बस्तियों में जाकर कार्यकर्ताओं ने डा. आंबेडकर की प्रतिमा की साफ-वेब की खबर-समरसता का भाव करेंगे पैदा...बस्तियों में जाएंगे सफाई की। प्रतिमा के सामने दीपक जलाए। डा. भीमराव आंबेडकर का जयघोष लगाया।
बाबा साहेब हमेशा भारतीय संस्कृति से जुड़े रहे
डा. विवेक ने कहा कि बुधवार को पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि डा. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। डा. आंबेडकर ने सच्चे देश भक्त थे, उन्होंने तमाम कष्ट सहन किए, मगर पद से कभी विचलित नहीं हुए। कई धर्मों के लोग उन्हें अपने धर्म से जोड़ना चाहते थे, मगर डा. आंबेडकर ने साफ मना कर दिया। बौद्ध धर्म को स्वीकार करके वह भारतीय संस्कृति से जुड़े रहे। भाजपा प्रवक्ता आशीष कुमार ने कहा कि राष्ट्र को एकसूत्र में जोड़ने का काम डा. आंबेडकर ने किया। तमाम मुश्किलों के बाद भी वह टूट नहीं और देश को अखंड बनाए रखा। संविधान लिखकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि व्यक्ति बड़ा होता है। वह अपनी मेहनत से कुछ भी कर सकता है।