अलीगढ़ में ' टॉयलेट ' पूजा से क्यों पीछे हट गया प्रशासन?, जानिए क्या है मामला
नवरात्र के पहले हर गांव में सबसे अच्छे शौचालय का पूजन करने के फैसले से जिला प्रशासन पीछे हट गया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। नवरात्र के पहले हर गांव में सबसे अच्छे शौचालय का पूजन करने के फैसले से जिला प्रशासन पीछे हट गया है। अब जिलास्तरीय नोडल अधिकारी हर गांव में जाकर सबसे अच्छा शौचालय बनवाने वाले व्यक्ति को 101 रुपये प्रोत्साहन राशि देगा। स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की जा रही है।
पहले लिया था यह निर्णय
पिछले दिनों कलक्ट्रेट में डीएम चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में आयोजित स्वच्छ भारत मिशन की बैठक में फैसला लिया गया था कि नवरात्र के पहले दिन हर गांव में शौचालयों की पूजा कराई जाएगी। नियुक्त नोडल अधिकारी गांवों में जाकर सबसे अच्छे शौचालय का चयन कर उसके लाभार्थी संग शौचालय की पूजा करेंगे। लाभार्थी को प्रोत्साहन के रूप में 101 रुपये दिए जाएंगे। कुछ लोगों ने इस पहल की प्रशंसा की तो कुछ विरोध में आ गए।
विरोध शुरू
अखिल भारत ङ्क्षहदू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने डीएम से मिलकर इस फैसले पर विरोध जताया और वापस लेने की मांग की। हालांकि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन में साथ देने का वादा भी किया। कहा,अगर नवरात्र को छोड़कर अन्य किसी भी दिन शौचालय पूजन होता है तो प्रशासन का साथ देंगे। इस पर प्रशासन भी पीछे हट गया है।
बदला पैैंतरा
अब नवरात्र के पहले दिन जिले के हर गांव में नोडल अफसर पहुंचेगा। गांव के सबसे अच्छे शौचालय का चयन कर उसके लाभार्थी को 101 रुपये का इनाम देगा। अन्य लोगों को भी इसी तरह के शौचालय बनवाने की अपील करेगा। कुल 1181 गांवों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। डीएम ने बताया कि हमारा मकसद स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा देना है। हम अच्छे शौचालय बनवाने वालों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। इसी कारण 101 रुपये देने का इनाम फैसला लिया गया है।
अब तक
अब तक जिले में 243240 शौचालय बन चुके हैैं। अभी 9733 शौचालय और बनने हैैं। जिले के 643 गांव ओडीएफ हो चुके हैैं, अभी 538 होने बाकी हैैं।