डीएम ने क्‍यों कहा, गोशालाओं में खामियां मिलीं तो नपेंगे अफसरAligarh News

गोशालाओं की खामियों को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन अलर्ट हो गया है। डीएम ने हर गोशाला के लिए एक नोडल अधिकारी की तैनाती है। इन अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है कि यह नियमित रूप से गोशालाओं में भ्रमण करेंगे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 08:20 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 08:20 AM (IST)
डीएम ने क्‍यों कहा, गोशालाओं में खामियां मिलीं तो नपेंगे अफसरAligarh News
डीएम ने हर गोशाला के लिए एक नोडल अधिकारी की तैनाती है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। गोशालाओं की खामियों को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन अलर्ट हो गया है। डीएम ने हर गोशाला के लिए एक नोडल अधिकारी की तैनाती है। इन अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है कि यह नियमित रूप से गोशालाओं में भ्रमण करेंगे। अगर कहीं कोई खामी है तो इसकी रिपोर्ट पशुपालन विभाग को सौंपेंगे। चारा, भूसा, पानी व साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था कराएंगे। अगर नोडल अधिकारी संबंधित गोशाला का नियमित भ्रमण नहीं करते हैं तो फिर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। गोवंश की मृत्यु होने पर उनकी अंत्येष्टि की भी व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी भी इन्हीं नोडल अधिकारी की होगी। अस्वस्थ्य गोवंश की नियमित चिकित्सा पर भी नजर रखेंगे।

गोशालाओं में मिली खामियां

जिले में कुल 125 सरकारी गोशालाएं हैं। इनमें करीब 28 हजार छुट्टा गोवंश हैं। सरकार इन गोवंश के चारा-पानी के लिए 30 रुपये रोज के हिसाब से प्रति गोवंश खर्च देती हैं। गांव देहात की गोशालाओं की देखरेख पंचायतों के हाथ में हैं। प्रधान व सचिव यहां कार्य देखते हैं। वहीं,नगर पंचायत में नगरीय निकाय देखते हैं, लेकिन जिले की अधिकांश गोशालाओं में अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं। इसको लेकर दैनिक जागरण ने आठ अक्टूबर से निराश्रित गोवंश अभियान शुरू किया था। इसमें जिले भर की गोशालाओं की पड़ताल की थी। चारा-पानी समेत अन्य अव्यवस्थाओं को परखा गया। लगातार चार दिन तक गांव देहात की गोशालाओं की स्थिति परखी गई।

सक्रिय हुए नोडल अधिकारी

 डीएम ने जिले की हर गोशाला के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर रखी है। दैनिक जागरण के अभियान के बाद अब यह अफसर सक्रिय हो गए हैं। डीएम ने सभी को पूर्ण रूप से जिम्मेदारी निभाने की चेतावनी दी है। डीएम की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि हर नोडल अधिकारी नियमित रूप से गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण करेंगे। अगर पूरी आख्या पशुपालन विभाग को देंगे। इसके साथ ही समस्याओं के समाधान के सुझाव भी देगे। चारा-पानी, भूसा समेत अन्य की समुचित व्यवस्था कराएंगे।

इस स्तर के अफसर बनेंगे नोडल अधिकारीतहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी, नायाब तहसीलदार, अधिशासी अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, आपूर्ति निरीक्षक, अवर अभियंता, सीडीपीओ, क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, भूमि संरक्षण अधिकारी, पीओ नेडा,जिला खाद्यी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला बचत अधिकारी, परियोजना प्रबंधक भूमि सुधार निगम,जिला गन्ना अधिकारी, सहायक निदेशक मत्स्य समेत अन्य जिला स्तरीय व ब्लाक स्तरीय अफसर शामिल हैँ।

-डीएम के आदेश पर हर एक गोशाला के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि यह अपनी गोशाला का भ्रमण करेंगे। इनकी रिपोर्ट के आधार पर पशुपालन विभाग कार्रवाई करेगा।

डा. चंद्रवीर सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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