अलीगढ़ में कौन रखवा रहा अवैध निर्माण की नींव, विस्तार से जानिए मामला
पिछले कुछ दिनों से शहर में एडीए की ओर से सीलिंग की ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही हैं। अवैध निर्माण और अतिक्रमण स्मार्ट शहर के लिए मुसीबत बन गया है। शहर के प्रमुख मार्गो से लेकर वीआइपी कालोनियों तक यह समस्या बन गई है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पिछले कुछ दिनों से शहर में एडीए की ओर से सीलिंग की ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही हैं। अवैध निर्माण और अतिक्रमण स्मार्ट शहर के लिए मुसीबत बन गया है। शहर के प्रमुख मार्गो से लेकर वीआइपी कालोनियों तक यह समस्या बन गई है। वाहन निकालना तक मुश्किल हो जाता है। अफसरों को कार्रवाई की याद भी तब आती है जब समस्या नासूर बन जाती है। कार्रवाई के नाम खानापूर्ति भी की जाती है। अवैध निर्माण पर हो रही सीलिंग की कार्रवाई के बीच सवाल भी उठ रहे हैं। लोगों कहना है इसकी नौबत ही क्यों आती है? एडीए के पास इतनी बड़ी फौज है, वो निर्माण शुरू होने के समय ही क्यों नहीं जागती। जब इमारत असमान से बात करने लग जाती है तभी क्यों जागते हैं? जिस क्षेत्र में अवैध निर्माण हो रहा है उस क्षेत्र के अधिकारी की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इससे उन्हें अपनी एहसास भी होगा।
ये क्या जानें जाट वोटों के बारे में
विधान चुनाव नजदीक हैं। हर नेता टिकट पाने के लिए जुगत में लगा हुआ है। कुछ तो इसके बहाने लोकसभा चुनाव के लिए रास्ता खाेज रहे हैं। दिल्ली में पिछले दिनों सपा के एक पूर्व मंत्री के आवास पर चुनाव को लेकर गुफ्तगूं हुई थी। जिसमें कांग्रेस से सपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेताजी के अलावा सपा के कुछ और पदाधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में जिले की हर विधान सभा सीट पर बात हुई। सपा के लिए कौनसी सीट ज्यादा फायदेमंद हो सकती है? कौनसा दावेदार जीत हासिल कर सकता है? जैसे तमाम बिंदुओं पर मंथन हुआ। जिले में जाट वोटरों की संख्या की बात भी हुई। छर्रा सीट से दावेदारी कर रहे एक नेताजी ने कह दिया जिले में तो एक लाख जाट वोटर हैं। वरिष्ठ नेताजी विफर पड़े। बोले, तुम्हें क्या पता है कितने वोटर है? हमने जाटों की राजनीति की है। पूर्व मंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा।