अलीगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम का मूक गवाह बना कुआं, जानिए विस्‍तार से

1857 में 12 मई को मेरठ में स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बज उठा था। मेरठ से उठी ये चिंगारी 17 मई को अलीगढ़ पहुंच गई। आक्रोशित लोगों ने एक अंग्रेज अफसर का बंगला फूंक दिया। अचलताल निवासी नारायण पंडित अांदोलन के लिए लोगों को एकजुट कर रहे थे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 06:57 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 06:57 AM (IST)
अलीगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम का मूक गवाह बना कुआं, जानिए विस्‍तार से
मेरठ से उठी ये चिंगारी 17 मई को अलीगढ़ पहुंच गई।

अलीगढ़, जेएनएन। आजादी के आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य और बलिदान की गौरव गाथाएं अलीगढ़ से भी जुड़ी हुई हैं। वो निशानियां आज भी यहां मौजूद हैं, जो देश पर मरने-मिटने वालों की याद दिलाती हैं। स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) समारोह की तैयारियों के बीच हम ऐसे ही ऐतिहिसिक स्थलों की याद ताजा करेंगे, जो स्वतंत्रता संग्राम के मूक गवाह बने हुए हैं। पेश है पहली कड़ी....

मेरठ की चिंगारी पहुंची अलीगढ़

1857 में 12 मई को मेरठ में स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बज उठा था। मेरठ से उठी ये चिंगारी 17 मई को अलीगढ़ पहुंच गई। आक्रोशित लोगों ने एक अंग्रेज अफसर का बंगला फूंक दिया। अचलताल निवासी नारायण पंडित अांदोलन के लिए लोगों को एकजुट कर रहे थे। 19 मई को शहीद मंगल पांडेय का संदेश देने वह छावनी पहुंच गए। मुखबिर की सूचना पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में यातनाएं देकर मदारगेट चौकी में फांसी पर चढ़ा दिया। इससे लोग भड़क गए और अंग्रेजाें के खिलाफ माेर्चा खोल दिया। भारत माता की जय और वंदेमातरम का जयघोष कर आंदोलन के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे 57 देशभक्तों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। उन्हें काफी यातनाएं दी गईं। लेकिन, लोगों में आक्रोश कम न हुआ। तब सराफा बाजार स्थित कुएं पर लाकर सभी को फांसी पर लटका दिया। अंग्रेजों का उद्देश्य लोगों में दहशत पैदा करना था। शहीदों के परिजन छिपते छिपाते कुएं पर पहुंचे और अंदर झांककर देखा तो पानी खून लाल हो चुका था। ये खून शहीदों की गर्दन से रिसकर कुएं में गिरा था। यही कुआं ''फांसी वाला कुआं'' के नाम से चर्चित हुआ। आज भी कुएं पर लगे पत्थर शहीदों के शौर्य कहानी कहते हैं। कारोबारी रवि वर्मा बताते हैं कि सराफा बाजार कमेटी ने कुएं को प्याऊ के रुप में परिवर्तित कर दिया है।

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