Water Conservation Campaign : हाथरस में प्रतियोगिता में बेटियाें ने दिखाया हुनर
राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या ममता कौशिक ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भविष्य में जल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिये जल बचाना ही जल संरक्षण है। भारत और दुनिया के कई देशों में जल की भारी कमी है
हाथरस, जागरण संवाददाता। जल संरक्षण अभियान के तहत चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय बालिका इंटर कालेज हाथरस में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन महेश कुमार स्वयं सेवक विकास खंड हाथरस द्वारा कराया गया।
भारत सहित कई देशों में पानी की कमी
जल संरक्षण पर प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या ममता कौशिक की अध्यक्षता में कराया गया। प्रतियोगिता में ओलिशा ने प्रथम, पूनम ने द्वितीय एवं रिंकी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को शील्ड एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया । राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या ममता कौशिक ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भविष्य में जल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिये जल बचाना ही जल संरक्षण है। भारत और दुनिया के कई देशों में जल की भारी कमी है जिसकी वजह से आम लोगों को पीने और खाना बनाने के साथ रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने के लिए पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पडती है। वहीं दूसरी ओर जहॉ पर्याप्त जल उपलब्ध हैं वहां लोग अपनी जरूरत से ज्यादा पानी बर्बाद कर रहे हैं। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबधित समस्याओं को समझना चाहिये। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिए तथा लोगों को जल संरक्षण (जल को बचाने) के लिये प्रेरित करना चाहिए।
पानी के बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
नेहरू युवा केन्द्र की लेखा एवं कार्यक्रम सुपरवाइजर ऊषा सक्सेना ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी को पानी की कमी की सभी समस्याओं के बारे में अपने आपको और अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करना चाहिए हम सभी प्रतिज्ञा के साथ जल संरक्षण के लिये आगे आयें। हम सभी का छोटा सा प्रयास एक बडा परिणाम दे सकता है। जैसे कि बंूद-बूंद करके नदी और सागर बन सकता है। जल संरक्षण के लिये हमे अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत नहीं है। हमें केवल अपनी प्रतिदिन की गतिविधियों में कुूछ बदलाव करने की जरूरत है। जैसे हम इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, नहाने के लिए फब्बारे या पाइप की जगह बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान में एक बडा सकारात्मक परिणाम दे सकता है। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाने रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी है। क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं हैं। धरती एक इकलौता ऐसा ग्रह है जहॉ पानी और जीवन मौजूद है। पानी की जरूरत हमें जीवन भर रहेगी। इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं। नेहरू युवा केन्द्र हाथरस के स्वयं सेवक महेश कुमार ने युवाओं को जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि गॉव के स्तर पर लोगों को बरसात के पानी को एकत्रित करने की शुरूआत करनी चाहिए। उचित रख-रखाव के साथ छोटे या बडे तालाबों को बनाने से बरसात के पानी को बचाया जा सकता है। आज के समय में युवा विद्यार्थियों को अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही इस समस्या के समाधान पर सभी को एक होकर इसके निराकरण के बारे में सोचना चाहिए । कार्यक्रम में रजनी यादव, सीमा दिवाकर, श्रष्टि गौतम, श्वेता सिंह एवं अन्य सभी अध्यापिकाओं का सहयोग सराहनीय रहा। प्रतियोगिता में कनक, प्रिया, सानिया जहां, निशा, दीपमाला, काजल, कुमकुम, मुस्कान, चारू, राधा, रिंकी, पूनम, ओलिशा, सुषमा, सानिया, सुम्भुल, आदि ने प्रतिभाग किया एवं जल संरक्षण पर चार्ट तैयार किये सभी का प्रयास सराहनीय रहा। इस अवसर पर सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलायी गयी । लोग अपनी जरूरत से ज्यादा पानी बर्बाद कर रहे हैं। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबधित समस्याओं को समझना चाहिये। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिए तथा लोगों को जल संरक्षण (जल को बचाने) के लिये प्रेरित करना चाहिए।
नेहरू युवा केन्द्र की लेखा एवं कार्यक्रम सुपरवाइजर ऊषा सक्सेना ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी को पानी की कमी की सभी समस्याओं के बारे में अपने आपको और अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करना चाहिए हम सभी प्रतिज्ञा के साथ जल संरक्षण के लिये आगे आयें। हम सभी का छोटा सा प्रयास एक बडा परिणाम दे सकता है। जैसे कि बूंद-बूंद करके नदी और सागर बन सकता है। जल संरक्षण के लिये हमे अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत नहीं है। हमें केवल अपनी प्रतिदिन की गतिविधियों में कुूछ बदलाव करने की जरूरत है। जैसे हम इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, नहाने के लिए फब्बारे या पाइप की जगह बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान में एक बडा सकारात्मक परिणाम दे सकता है। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाने रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी है। क्योकिं बिना जल के जीवन संभव नहीं हैं। धरती एक इकलौता ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन मौजूद है। पानी की जरूरत हमें जीवन भर रहेगी। इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
नेहरू युवा केंद्र हाथरस के स्वयं सेवक महेश कुमार ने युवाओं को जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि गांव के स्तर पर लोगों को बरसात के पानी को एकत्रित करने की शुरूआत करनी चाहिए। उचित रख-रखाव के साथ छोटे या बडे तालाबों को बनाने से बरसात के पानी को बचाया जा सकता है। आज के समय में युवा विद्यार्थियों को अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही इस समस्या के समाधान पर सभी को एक होकर इसके निराकरण के बारे में सोचना चाहिए ।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में रजनी यादव, सीमा दिवाकर, श्रष्टि गौतम, श्वेता सिंह एवं अन्य सभी अध्यापिकाओं का सहयोग सराहनीय रहा। प्रतियोगिता में कनक, प्रिया, सानिया जहॉ, निशा, दीपमाला, काजल, कुमकुम, मुस्कान, चारू, राधा, रिंकी, पूनम, ओलिशा, सुषमा, सानिया, सुम्भुल, आदि ने प्रतिभाग किया एवं जलंसंरक्षण पर चार्ट तैयार किये सभी का प्रयास सराहनीय रहा। इस अवसर पर सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलायी गयी ।