Shrimad Bhagwat Katha : धर्म के मार्ग पर चलिए, जीवन को मिलेगा नया रास्ता Aligarh news
सरोज नगर में श्रीमद भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में कथा की अमृत बारिश हुई। कथा व्यास आलोक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कलयुग की छाया है ऐसे में बुराइयां तेजी से पनपती है। घर-परिवार समाज कहीं भी जाएंगे बुराई से बच नहीं पाएंगे।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सरोज नगर में श्रीमद भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में कथा की अमृत बारिश हुई। कथा व्यास आलोक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कलयुग की छाया है, ऐसे में बुराइयां तेजी से पनपती है। घर-परिवार, समाज कहीं भी जाएंगे बुराई से बच नहीं पाएंगे। लोगों में राग-द्वेष, तृष्णा भरी हुई है। हर कोई अपने अपमान का बदला लेना चाहता है। गुस्से में हर इंसान भरा हुआ है। किसी को वह आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहता है। ऐसे में सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है प्रभु की शरण में जाना। धर्म की ओर बढ़ना। जितना धर्म और धार्मिक चीजों से आप जुड़ेंगे आप सही रास्ते पर चलेंगे।
सांसारिक मोह माया ही व्यक्ति को पाप की ओर ढकेलता है
आलोक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सांसारिक मोह-माया ही व्यक्ति को पाप की ओर ढकेलती है। व्यक्ति परिवार और बच्चों के लिए जाने क्या-क्या जतन करता है। ऐसे में वह बुराइयों से बच नहीं पाता है। परिवार के पालन-पोषण के लिए ही वह काम करता है, मगर दोषी स्वयं बन जाता है। इन सबसे बचने के लिए हमारे यहां चार आश्रमों की व्यवस्था थी। पहला ब्रह्मचर्य, दूसरा गृहस्थ, तीसरा वानप्रस्थ और चौथा संन्यास आश्रम था। इसलिए एक उम्र के बाद व्यक्ति धीरे-धीरे परिवारिक मोह-माया से दूर हो जाता था और भगवत भजन में लीन हो जाता है, इससे वह हर छड़ आनंद में डूबा रहता है। भक्ति के रस के आगे कोई और रंग उसपर नहीं चढ़ता है। इसलिए कथा में बच्चों को भी जोड़ें, उन्हें अपने साथ जरूर ले आएं, क्योंकि उनके जीवन को बदलने की जरूरत है। वह ऐसे नहीं बदल सकते हैं, इसके लिए हमें उन्हें धामिक चीजों से उन्हें जोड़ना होगा। कथा के साथ ही घरों में उन्हें रामचरित मानस, दुर्गा चालीसा, हनुमान चालीसा आदि के बारे में बताना होगा। पूजन में बच्चों को साथ में बिठाना होगा, तभी वह अपने धर्म-संस्कृति से जुड़ सकेंगे। संस्कारवान बन सकेंगे। कथा में विनोद चौहान, संतोष चौहान, देवेंद्र सिंह फौजी, रामपाल बघेल, अंगद बघेल, अरविंद बघेल, जैकी ठाकुर, जीतू ठाकुर, यादराम शर्मा, गजेंद्र शर्मा आदि शामिल हुए।