अलीगढ़ के हिस्‍से की वैक्‍सीन नोएडा में लगा दी गयी, स्‍टाफ नर्स पर गिरी गाज, जानिए पूरा मामला Aligarh news

नोएडा में अलीगढ़ की वैक्सीन लगाए जाने के मामले में जांच के दौरान नौरंगाबाद सीएचसी पर वैक्सीन की उपलब्धता व रजिस्ट्रेशन संबंधी अभिलेखों में धांधली सामने आई है। 32 वायल भी कम पाई गई हैं। वैक्सीन का रख-रखाव करने वाली स्टाफ नर्स पुष्पा की संविदा समाप्त कर दी गई है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 04:21 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 04:21 PM (IST)
अलीगढ़ के हिस्‍से की वैक्‍सीन नोएडा में लगा दी गयी, स्‍टाफ नर्स पर गिरी गाज, जानिए पूरा मामला Aligarh news
अज्ञात के खिलाफ वैक्सीन गायब होने का मुकदमा दर्ज कराया है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  नोएडा में अलीगढ़ की वैक्सीन लगाए जाने के मामले में जांच के दौरान नौरंगाबाद सीएचसी पर वैक्सीन की उपलब्धता व रजिस्ट्रेशन संबंधी अभिलेखों में धांधली सामने आई है। 32 वायल भी कम पाई गई हैं। वैक्सीन का रख-रखाव करने वाली स्टाफ नर्स पुष्पा की संविदा समाप्त कर दी गई है। वहीं, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. रमैय्या पिल्लई को शिथिल पर्यवेक्षण को दोषी मानते हुए ट्रांसफर कर दिया गया है। यह कार्रवाई सीएमओ ने दो सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर की है। इसमें यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यहां से वैक्सीन नोएडा भेजी गई या नहीं? केवल उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी शरद गुप्ता की ओर से अज्ञात के खिलाफ वैक्सीन गायब होने का मुकदमा दर्ज कराया है। सीएमओ ने दुरुपयोग में आई वैक्सीन की वाइल्स का आंकलन कर निर्धारित धनराशि वसूली के निर्देश भी दिए हैं। शासन को भी रिपोर्ट भेज दी गई है।

ये है मामला

नोएडा की जेपी ग्रींस सोसाइटी में 21 व 29 मई को कैंप आयोजित कर 187 लोगों को मुफ्त टीके लगाए गए, जबकि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने आयोजकों को वैक्सीन उपलब्ध कराई थी और अनुमति। हैरानी तब हुई, जब टीका लगवाने वाले कुछ लाभार्थियों ने सर्टिफिकेट पर केंद्र का नाम अलीगढ़ की नौरंगाबाद अर्बन पीएचसी अंकित किए जाने की शिकायत की। नोएडा में इस मामले की जांच तेजी से हुी। आयोजक शुभ गौतम समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। नोएड की पुलिस, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला है कि नौरंगाबाद पीएचसी को आवंटित वैक्सीन, जेपी ग्रींस सोसाइटी तक कैसे पहुंच गई। इस सनसनीखेज मामले की गूंज शासन तक पहुंची तो अलीगढ़ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से भी जवाब तलब हुआ। आनन-फानन दो एसीएमओ की जांच समिति बनाई। सोमवार को समिति ने यह रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी। 

जांच में नहीं खुल पाए राज

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर व एसीएमअो डा. एसपी सिंह ने सीएमओ को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि नौरंगाबाद पीएचसी को शुरुआत से अब तक 579 वाइल्स दी गईं, जबकि 547 खाली वाइल्स ही मिली हैं। 32 वाइल्स कम पाई गईं, जो संदेहास्पद है। गैर एनालिसिस का प्रमाण नहीं मिला। पूछताछ में वाइल्स टूटने व कुछ कूड़ेदान में फेंकने की जानकारी दी गई, मगर इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। कोविन पोर्टल लिस्ट के अनुसार वैक्सीन की खपत सही है। भौतिक रजिस्टर अपूर्ण है। ऐसे में जांच रिपोर्ट से स्पष्ट नहीं हो पाया कि वाइल्स बाहर ले जाकर लगाई गई अथवा नहीं। यह बात खुद डा. बीपीएस कल्याणी ने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को भेजे पत्र में स्वीकार की है। 

ये की गई कार्रवाई

सीएमअो ने अपर मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि स्टाफ नर्स पुष्पा देवी ने वैक्सीन व रजिस्ट्रेशन संबंधी अभिलेख के रख-रखाव में लापरवाही बरती है। इसलिए वे प्रकरण में आंशिक दोषी हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रमैय्या पिल्लई ने शिथिल पर्यवेक्षण किया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर स्टाफ नर्स पुष्पा देवी की सेवा समाप्त की गई है। डा. पिल्लई को नौरंगाबाद पीएचसी का तबादला कर दिया है। अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हो गई है। 

काश, इन सवालों के जवाब भी मिल जाते

स्वास्थ्य विभाग ने भले ही इस मामले की जांच पूरी कर स्टाफ नर्स व प्रभारी चिकित्साधिकारी पर कार्रवाई कर दी हो, मगर कुछ सवालों के जवाब अधूरे ही रह गए। मसलन, अलीगढ़ की वैक्सीन नोएडा कैसे पहुंच गई ? यदि नहीं पहुंची तो सर्टिफिकेट पर नौरंगाबाद पीएचसी का नाम कैसे दर्ज हुआ? क्या नोएडा में वैक्सीनेशन करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने नौरंगाबाद पीएचसी की आइडी-पासवर्ड का इस्तेमाल किया ? कैंप वाली तिथियों में नौरंगाबाद पीएचसी के खाते में कोविन पार्टल पर टीका लगवाने वाले नोएडा के कितने लोगों की डिटेल दर्ज है? ऐसे तमाम सवालों की तह में जाते तो शायद वैक्सीन गायब करने वालों का भी पर्दाफाश हो जाता।

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