वीडियो काल भी बन सकती है माध्यमिक कालेजों में मासिक परीक्षा का आधार Aligarh news

कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा का पूरा पैटर्न ही बदल गया। परीक्षाएं भी आनलाइन माध्यम से कराई जाने लगीं। साथ ही पढ़ाई व होमवर्क भी आनलाइन माध्यम से ही कराए जाने लगे। पढ़ाई परीक्षा मूल्यांकन हर गविविधि आनलाइन माध्यम से होने लगीं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:50 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:15 AM (IST)
वीडियो काल भी बन सकती है माध्यमिक कालेजों में मासिक परीक्षा का आधार Aligarh news
कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा का पूरा पैटर्न ही बदल गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता ।  कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा का पूरा पैटर्न ही बदल गया। परीक्षाएं भी आनलाइन माध्यम से कराई जाने लगीं। साथ ही पढ़ाई व होमवर्क भी आनलाइन माध्यम से ही कराए जाने लगे। पढ़ाई, परीक्षा, मूल्यांकन हर गविविधि आनलाइन माध्यम से होने लगीं। अब इसी आधुनिकता में एक कदम आगे बढ़ाते हुए माध्यमिक विद्यालयों ने नई व्यवस्था बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। हालांकि अभी ये तय किया जा रहा है कि मासिक परीक्षा में जो विद्यार्थी आफलाइन माध्यम से शामिल नहीं हाे पाएंगे उनको आनलाइन माध्यम से कैसे परीक्षा दिलाई जाए? आनलाइन परीक्षा कराने में क्या नियम व मानक निर्धारित होंगे? इस संबंध में विचार-विमर्श किया जा रहा है। घर पर विद्यार्थी परीक्षा देते समय नकल का सहारा न ले पाए इसकी पुख्ता व्यवस्था की जानी है।

वीडियो काल पर पूछे जा सकते हैं बहुविकल्‍पीय प्रश्‍नों के उत्‍तर

विभागीय सूत्रों के अनुसार आनलाइन परीक्षा में वीडियो काल कर विद्यार्थी से बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर पूछे जा सकते हैं। इस माध्यम से विद्यार्थी कोई नकल भी नहीं कर पाएगा और तत्काल प्रश्न का उत्तर देने से उसका उसी समय मूल्यांकन भी हो जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में पढऩे वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं भी शुरू होनी हैं। कोरोना काल में आनलाइन पढ़ाई के सहारे ही विद्यार्थियों की पढ़ाई चल रही थी। अब विद्यार्थी कालेजों में आने शुरू हो गए हैं तो उनकी परीक्षाएं भी करानी जरूरी हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के तमाम विद्यार्थी ऐसे भी हैं जिनके माता-पिता अभी भी उनको कालेज भेजने के पक्ष में नहीं हैं। इसलिए यूपी बोर्ड की ओर से आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यमों से परीक्षाएं कराने की व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। मगर, आफलाइन परीक्षा कराने में अभिभावकों की अनुमति का अहम रोल होगा। जिन बच्चों के अभिभावक कालेज जाने की अनुमति नहीं देंगे, उनकी परीक्षा आनलाइन माध्यम से कराई जाएगी।

इनका कहना है

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि आफलाइन माध्यम से ही विद्यार्थी भी परीक्षा देना चाह रहे हैं। ऐसे कुछ विद्यार्थी होंगे जिनके अभिभावक आनलाइन माध्यम से परीक्षा कराने के पक्ष में हों। अगर अभिभावकों की ऐसी कोई डिमांड आती है तो वीडियो काल के जरिए बहुविकल्पीय प्रश्न पूछने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है।

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